भारत में लोकसभा चुनाव के बाद अब गठबंधन सरकार बनने जा रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन सरकार बनाने जा रहा है। इस बीच पाकिस्तान की सरकार से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वह भी तब जब पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ के पद संभालने पर पीएम मोदी ने उन्हें बधाई दी थी। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान सरकार का आकलन है कि भारत में विपक्ष के मजबूत होने के बाद अब बीजेपी आक्रामक हिंदुत्व के रास्ते पर बढ़ सकती है। पाकिस्तान का यह भी कहना है कि इस गठबंधन सरकार में भी भारत की इस्लामाबाद के प्रति नीति में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।
पाकिस्तान के एक अधिकारी ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार से बातचीत में कहा कि सरकार का आंतरिक आकलन है कि पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में भारत की पाकिस्तान के प्रति नीति में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दे मोदी की धर्म आधारित चुनावी राजनीति पर हावी हो गए। पाकिस्तान सरकार ने अपने आकलन में कहा कि बीजेपी ने परंपरागत सीटों को तो बरकरार रखा लेकिन क्षेत्रीय दलों ने खासकर उत्तर में प्रदेश में पूरी चतुराई से उसे मात दे दिया। इसके अलावा पूरे देश में मुस्लिम मतदाता मोदी के खिलाफ एकजुट हो गए।
पाकिस्तान को क्या सता रहा डर?
पाकिस्तान ने कहा कि इस चुनाव से साफ हो गया है कि मोदी अब बीजेपी और आरएसएस से बड़े नहीं रह गए। भारत में गठबंधन सरकार का दौर एक बार फिर से आ गया है। पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि बीजेपी को बहुत कम अंतर मिली जीत एक तरह से दुधारी तलवार की तरह से है। पाकिस्तान का मानना है कि या तो मोदी अपना रास्ता बदलेंगे या फिर आक्रामक रुख को अख्तियार करेंगे। पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा, ‘एक मजबूत विपक्ष बीजेपी को हिंदुत्व को और ज्यादा आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने के लिए बाध्य कर सकता है।’
पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा, ‘मोदी की घरेलू और विदेशी नीतियों में कोई बदलाव नहीं होगा। खासकर पाकिस्तान के साथ रिश्तों में।’ भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के बारे में पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा कि मोदी सरकार चाहती है कि पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को मान ले। ऐसे में मोदी सरकार जल्द कोई बातचीत करेगी, इसकी संभावना नहीं के बराबर है। बता दें कि शहबाज सरकार कई बार कह चुकी है कि वह भारत के साथ बाचतीत करना चाहती है लेकिन भारत ने साफ कर दिया है कि जब तक सीमापार आतंकवाद पर लगाम नहीं लगेगी तब तक हम कोई बातचीत नहीं करेंगे।