मूवी रिव्यू: चंदू चैंपियन

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इधर कुछ समय से फिल्मकारों में ऐसी बायोपिक बनाने का चलन खूब देखने को मिल रहा है, जिन्होंने अपने जीवन और करियर में देश के लिए बहुत कुछ किया, मगर उनकी उपलब्धियां गुमनामी में रह गईं। अभी कुछ अरसा पहले आई ‘मैदान’ में फुटबॉल कोच सैय्यद अब्दुल रहीम बने अजय देवगन ने यादगार रोल किया था। अब कबीर खान निर्देशित ‘चंदू चैंपियन’ में कार्तिक आर्यन भारत के पहले पैरालंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले मुरलीकांत पेटकर की कभी हार न मानने वाली कहानी लेकर आए हैं। फिल्म शुरू से आखिर तक आपको न केवल प्रेरित करती है, बल्कि कार्तिक आर्यन के करियर की बेस्ट परफॉर्मेंस भी देती है।

‘चंदू चैंपियन’ की कहानी

अतीत और वर्तमान के बीच झूलती यह कहानी मुरलीकांत पेटकर (कार्तिक आर्यन) के बुढ़ापे से शुरू होती है, जहां मुरलीकांत पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर सचिन कांबले (श्रेयस तलपड़े) के पास भारत के राष्ट्रपति पर केस दर्ज करवाने आए हैं। पहले तो इस बूढ़े मुरलीकांत का खूब मजाक बनता है, मगर जब वह बताते हैं कि आज चालीस साल बाद वह अर्जुन पुरस्कार पाने का हकदार क्यों हैं, तो वहां मौजूद लोग ही नहीं, बल्कि दर्शक भी मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रहते।

कहानी फ्लैशबैक में जाती है, जहां पर मुलीकांत बताते हैं कि कैसे किशोरावस्था में उन्‍हें ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का जूनून सवार हुआ। फिर कैसे वह सेना में भर्ती होकर बॉक्सिंग के वंडर बॉय बने और आखिर में 1965 की जंग में अपने बदन पर 9 गोलियां झेलने के बाद निचले शरीर के लकवाग्रस्त होने के बावजूद किस तरह उनका पागलपन बरकरार रहा। पहलवानी, सेना में भर्ती होना और बॉक्सिंग के बाद जब शरीर का निचला हिस्सा बेकार हो गया, तो उन्‍होंने पानी को अपनी जमीन बनाया और विश्व स्तर पर रिकॉर्ड कायम करने के लिए तैराकी सीखी। इसी जूनून और पागलपन की बुनियाद पर वह देश का पहला पैरालंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी बने।

उनके इस सफर में साथ दिया उनके भाई जोगनाथ पेटकर (अनिरुद्ध दवे), दोस्त जरनैल सिंह (भुवन अरोड़ा), उनके हेड उत्तम सिंह (यशपाल शर्मा), कोच टाइगर अली (विजय राज) और उनके वॉर्ड बॉय टोपाज (राजपाल यादव) ने। बचपन में खोटा सिक्का कहलाने वाले मुरलीकांत को चंदू चैंपियन का नाम देकर उपहास का पात्र बनना पड़ता था। मगर यही खोटा सिक्का देश के लिए गोल्ड मैडल लाता है। खुद को अर्जुन पुरस्कार का हकदार समझने वाले इस खिलाड़ी को पद्मश्री से नवाजा जाता है।

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