भारत अभी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनमी है और जल्दी ही इसके तीसरे नंबर पर पहुंचने की उम्मीद है। अभी अमेरिका पहले, चीन दूसरे, जर्मनी तीसरे और जापान चौथे नंबर पर हैं। सवाल है कि अगर भारत तीसरे नंबर की इकॉनमी बन गया तो क्या बदल जाएगा? इसका जवाब आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में हो हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भारत की तीसरी बड़ी इकॉनमी बनने से विकास के विस्तार के अनेक अवसर उपलब्ध होने वाले हैं। इससे ने केवल देश में हर स्तर पर सकारात्मक प्रभाव होगा बल्कि वैश्विक परिवेश में भी अभूतपूर्व प्रभाव होगा। आने वाले कालखंड में नए स्टार्टअप और कंपनियों का वैश्विक उभार होगा।
मोदी ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि यहां कुछ ऐसे विद्वान हैं जो ये मानते हैं कि भारत अपने आप तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनने वाली है। ये लोग ऐसे हैं जिन्होंने ऑटो पायलट मोड या रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाई है। वे कुछ करने-धरने में विश्वास नहीं करते। वो तो इंतजार करना जानते हैं लेकिन हम परिश्रम में कोई कमी नहीं छोड़ रहे। आने वाले वर्षों में पिछले 10 वर्षों में हमने जो किया है उसकी गति भी बढ़ाएंगे उसका विस्तार भी बढ़ाएंगे और गहराई भी होगी और ऊंचाई भी होगी।’
गरीबी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाले पांच साल गरीबी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिए है। गरीब जब गरीबी के खिलाफ लड़ाई के लिए खड़ा हो जाता है तो वो लड़ाई सफलता को प्राप्त करती है। इसलिए आने वाले 5 साल गरीबी के खिलाफ लड़ाई के निर्णायक वर्ष हैं और ये देश गरीबी के खिलाफ लड़ाई में विजयी होकर रहेगा। ये पिछले 10 साल के अनुभव के आधार पर मैं बहुत विश्वास से कह सकता हूं। आने वाले वर्षों में देश में हर सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेंगे। इसका लाभ देश के हर वर्ग को मिलेगा।