पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर विधानसभा में तीखी नोकझोंक, वित्त मंत्री ने मानी थी कमी, बीजेपी विधायक भी उठा रहे सवाल

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प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन पर सवालों के चलते मध्य प्रदेश विधानसभा में खूब हंगामा हुआ। एक के बाद एक, भाजपा और कांग्रेस दोनों विधायकों ने आरोप लगाया कि मप्र में जल जीवन मिशन (जेजेएम) और राज्य सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग (पीएचई) विभाग की नल जल योजना पूरी तरह से अव्यवस्थित है। कांग्रेस ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 200-300 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए वाकआउट कर दिया।

गुरुवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने जेजेएम में अनियमितता की बात स्वीकार की थी। देवड़ा ने कहा था, ‘मैं इस बात से इनकार नहीं कर रहा हूं कि जल जीवन मिशन पर कई जगहों पर काम ठीक से नहीं हो रहा है… हम दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’

शुक्रवार को यह विवाद फिर सुलग उठा। भाजपा विधायक हरदीप सिंह डंग ने कहा कि उनके सुवासरा निर्वाचन क्षेत्र में कई इलाके अभी भी पाइपलाइन से वंचित हैं, हालांकि पीएचई का दावा है कि नल जल योजना पर सभी काम खत्म हो गए हैं। उन्होंने पूछा कि ‘पूरा गांव पानी के बिना हैं। जल जीवन मिशन समूह कह रहा है कि वे वहां काम नहीं कर सकते, जहां पीएचई काम कर रहा है। वे केवल पानी की आपूर्ति कर सकते हैं। उन इलाकों का क्या होगा जहां अभी तक पाइपलाइन नहीं है या जहां पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो गई हैं?’

विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने कहा कि अगर अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर अनुमति देंगे तो वह अनियमितताओं का सबूत पेश करेंगे। यह पंचायत मंत्री की कांग्रेस को ‘आरोप लगाने से पहले भ्रष्टाचार के सबूत पेश करने’ की चुनौती के जवाब में था। सिंघार ने अध्यक्ष से कहा, ‘इसकी जांच होनी चाहिए। यह हर विधायक से जुड़ा मुद्दा है, चाहे वह सत्तापक्ष हो या विपक्ष। हम चाहते हैं कि आप निर्देश दें।’

कांग्रेस विधायक भवर सिंह शेखावत ने शहरी विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से सभी विधायकों को बुलाकर नल जल योजना के क्रियान्वयन की जानकारी लेने को कहा। शेखावत ने कहा, ‘आपको पता चल जाएगा कि एजेंसी ने सभी ग्रामीण सड़कों को कैसे खोद दिया है और कोई पाइपलाइन ठीक से नहीं बिछाई गई है। पाइपलाइनों को जलाशयों से उचित तरीके से नहीं जोड़ा गया है।’

सांची से बीजेपी विधायक डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा, ‘जहां एजेंसी का दावा है कि काम पूरा हो गया है, वहां काम पूरा नहीं हुआ है। ठेकेदार काम नहीं कर रहे हैं। स्वीकृत गांवों में से आधे गांवों में ही पाइप लाइन बिछायी गयी है। मेरे निर्वाचन क्षेत्र में एससी और एसटी बस्तियों को छोड़ दिया गया है। अधिकारियों का दावा है कि पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति की जा रही है लेकिन पानी की भारी कमी है।’

पूर्व मंत्री ने भी जांच की मांग की। उन्होंने कहा, ‘कुछ स्थानों पर पानी का कोई स्रोत नहीं है फिर भी योजना आधिकारिक तौर पर चल रही है। अन्य स्थानों पर जलाशयों का निर्माण नहीं किया गया है। इसके बाद बीजेपी विधायक रमेश प्रसाद खटीक और कालू सिंह ठाकुर और कांग्रेस विधायक दिनेश राय ने भी यह मुद्दा उठाया।

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