एक रेप पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) और राष्ट्रपति से इंदौर के जज की शिकायत की है। उसका आरोप है कि जिला न्यायालय के एक जज ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया। जज ने खुले कोर्ट रूम में उससे अश्लील सवाल पूछे। पीड़िता का कहना है कि जज ने उसकी इज्जत पर सवाल उठाए और उसे बाजारू लड़की कहा। पीड़िता ने राष्ट्रपति, राष्ट्रीय महिला आयोग और हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायमूर्ति को भी पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।
गेट खुलवाकर गलत तरीके से बात की
पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि जज ने मुझसे अश्लील तरीके से चर्चा की। आरोपित के वकील को जैसा विश्वास दिलाया गया, उससे मुझे लगता है कि मुझे उनके कोर्ट में न्याय नहीं मिलेगा। पीड़िता ने अपने पत्र में लिखा है कि जिन शब्दों के साथ न्यायाधीश ने मेरे चरित्र का हनन कर स्त्रियोचित गरिमा का हनन किया है, वह वापस लौटाना संभव नहीं है। रेप पीड़िता ने आगे लिखा है कि अगर मुझे न्याय नहीं दिलवाया जा सकता है तो मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान की जाए।
लव जिहाद से जुड़ा है मामला
यह मामला लव जिहाद से जुड़ा है। 23 वर्षीय पीड़िता का आरोप है कि 2019 में उसकी मुलाकात हेलो ऐप के जरिए अशरफ मंसूरी नाम के युवक से हुई थी। आरोपी ने अपना नाम आशु बताया था और खुद को हिंदू बताया था। उसने शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए और उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया।
जूनी इंदौर में थाने में दर्ज कराया केस
जब आरोपी ने शादी से इनकार कर दिया तो पीड़िता ने 12 दिसंबर 2023 को जूनी इंदौर थाने में मामला दर्ज कराया। आरोपी के खिलाफ धारा 376, 354, SC-ST एक्ट और मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल आरोपी जेल में है।