जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा नंदलाल का जन्मोत्सव

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जिला मुख्यालय सहित तहसीलों व अन्य ग्रामीण अंचलों में हिंदू धर्मावलंबियों द्वारा सोमवार को नंदलाल का जन्मोत्सव धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा. कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिरों सहित घर-घर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए जाएंगे.वही इसके दूसरे दिन गोपाल मंडलियों व युवाओ की टोलियो द्वारा जगह-जगह मटकी फोड़ कार्यक्रम का आयोजन कर प्रतिमाओं का विसर्जन कर कृष्ण जन्माष्टमी का समापन किया जाएगा. कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर नगर बाजार पूरी तरह से सजधज कर तैयार हैं. वहीं मूर्तिकारो ने भी मनमोहक प्रतिमाओं के रंग रोगन का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया है.इसके अलावा घरों व मंदिरों में विशेष साफ-सफाई रंग रोगन कर आकर्षक सजावट की गई है. जहां कृष्ण जन्मोत्सव पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर विधि-विधान के साथ नंदलाल की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी.वही कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर नगर के वार्ड नंबर 16 स्थित जिले के एकमात्र कृष्ण मंदिर में प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किए जाएगे हैं. जहां वर्ष 1921 से चली आ रही परंपरा के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा.जिसके तहत विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन देर रात मटकी फोड़ कार्यक्रम कर संपन्न कराए जाएंगे।

दिन भर बाजार रहा गुलजार
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर घरों व मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। बाजार भी पर्व को लेकर सज गए हैं। भगवान की पोशाक एवं साज-सज्जा सामग्री से सजी दुकानों पर लोग खरीरदारी को पहुंच रहे हैं। मंदिरों में सफाई एवं रंगाई का काम शुरू हो गया है। शहर से लेकर गांव कस्बों तक मंदिरों की सजावट हो चुकी है। जहाँ विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम होंगे। भक्तगणो द्वारा घरों में भगवान कृष्ण की पूजा की जाएगी।बाजारों में जगह-जगह भगवान की पोशाक और साज सज्जा की दुकानें सज गई हैं।इस बार भगवान के मुकुट से कहीं अधिक लोग पगड़ी पसंद कर रहे हैं। बाजारों में 20 रुपये से लेकर ढाई हजार तक की पोशाक बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। वहीं अन्य सामग्री भी सस्ती से लेकर महंगी तक उपलब्ध हैं। बाजारों में सजी इन दुकानों पर लोग साज-सज्जा की सामग्री एवं वस्त्रों के अलावा झूले और भगवान की प्रतिमा भी खरीद रहे हैं।जहाँ जन्माष्टमी के कारण बाजार की रौनक बढ़ गई है।

आसमान छूती मंहगाई से मूर्तिकार भी परेशान
पर्व विशेष पर प्रतिमाएं बनाने वाले मूर्तिकारों ने चर्चा के दौरान बताया कि हमने 2 माह पूर्व से मूर्ति बनाने का काम शुरू कर दिया है. फिलहाल मूर्ति बिक्री को लेकर रुझान नहीं आए हैं लेकिन जन्माष्टमी के दिन अच्छी खासी मूर्तियां बिकने की हमें उम्मीद है. पिछले वर्ष के मुकाबले मूर्ति इस वर्ष महंगी हो गई है.पिछले वर्ष 100रु से मूर्ति बिकना स्टार्ट होती थी, लेकिन इस वर्ष कलर मिट्टी महंगी होने से 200 से नीचे मूर्ति नहीं बिक रही है.कलर, मेहनत, मजदूरी औऱ मिट्टी सहित अन्य मटेरियल मंहगा होने के चलते इसकी लगत बढ़ गई है इसलिए मूर्तियों के दाम अधिक है. 2 फीट की प्रतिमा को कंप्लीट करने में 1000 रु की लागत लगती है जबकि एक प्रतिमा को बनाने में 2 से 3 दिन का समय लग जाता है.वही प्रतिमा 1500 से 2000रु तक की बिकती है.

लागत तक निकलना मुश्किल हो रहा है- अशोक कोटांगले
वही पर्व विशेष को लेकर की गई चर्चा के दौरान मूर्तिकार अशोक कोटांगले ने बताया कि वे करीब 35-40 वर्षों से प्रतिमाओं को बनाने का काम कर रहे हैं। वर्तमान समय में प्रतिमाओं की बिक्री काफी कम है। लेकिन कृष्ण जन्माष्टमी पर सभी प्रतिमाएं बिक जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार महंगाई बहुत है। मिट्टी महंगी खरीद कर लाना पड़ रहा है तो वहीं कलर मेहनत मजदूरी सहित अन्य सामग्री भी काफी महंगी हो चुकी है वर्तमान समय में 200 रुपए से लेकर 1200 रु तक की छोटी प्रतिमाएं बेची जा रही है। लागत और मेहनत को यदि जोड़ दिया जाए तो हमें कुछ भी नहीं बचेगा। इस महंगाई के चलते हमें लागत तक निकलना मुश्किल हो रहा है।

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