एक षड्यंत्र के तहत हत्या करने की धमकी देने के आरोप में दो आरोपी को 3–3 वर्ष की कठोर कारावास और प्रत्येक को 10-10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। दोनों आरोपी भरत लाल पिता शिवलाल लिल्हारे 58 वर्ष वार्ड नंबर 10 ढुटी बांध रोड लामता, और विनय कुमार उर्फ विक्की पिता कोमल चंद पटले 34 वर्ष बड़ी खेरमाई माता मंदिर के पास बैहर निवासी है। यह सजा विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश भू भास्कर यादव की बैहर की अदालत ने सुनाई। विद्वान अदालत ने इस मामले से एक आरोपी आशीष पिता आनंद डेनियल 33 वर्ष नैनपुर मंडला निवासी को दोष मुक्त किए हैं। इन आरोपियों के विरुद्ध भरतलाल लिल्हारे के चंदना थाना परसवाड़ा निवासी भाई शत्रुघन लिल्हारे उसकी पत्नी परिवार को एक षड्यंत्र के तहत हत्या करने सुपारी लेने का आरोप था।
अभियोजन के अनुसार शत्रुघ्न लिल्हारे ग्राम चंदना थाना परसवाड़ा निवासी है। उसके बड़े भाई भरत लिल्हारे के साथ संपत्ति का विवाद चल रहा था। 1 जुलाई 2018 को आशीष डेनियल और उसके साथियों के साथ मिलकर भरत ने शत्रुघ्न के घर में खड़ी गाड़ी को आग लगवा दिया था जिसकी रिपोर्ट पर आशीष डेनियल के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ था। 8 जनवरी 2019 को विक्की उर्फ विनय पटले ने शत्रुघ्न को फोन करके बोला था कि तुम्हारा भाई भरत लिल्हारे तुम्हें परिवार सहित मरवाना चाहता है। 9 जनवरी को विक्की उर्फ विनय पटले ने शत्रुघ्न के घर आकर बोला था कि आशीष डेनियल के कहने पर वह भरत से मिला था।भरत ने शत्रुघ्न और उसके परिवार को मारने के लिए सुपारी दिया है।विक्की उर्फ विनय ने शत्रुघ्न को यह भी बोला कि उसने भारत से 15000 रुपये लिया है। हत्या करने से पहले 1 लाख रुपये लेगा और हत्या करने के बाद 5 लाख रुपये भारत से प्राप्त करेगा। इसी बीच विक्की ने फोन करके शत्रुघ्न और उसकी पत्नी को उनकी हत्या की सुपारी लेने के विषय में बताया था। फोन की बातचीत को शत्रुघ्न के परिजनों ने रिकॉर्ड कर लिया था। शत्रुघ्न ने उक्त घटना की लिखित शिकायत थाना परसवाड़ा में की थी। जहां पर तीनों आरोपियों के विरुद्ध धारा 115 120 भी भादवि के तहत अपराध दर्ज किया गया था विवेचना अनुसंधान दौरान विक्की उर्फ विनय व शत्रुघ्न के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग जप्त किया गया था। शत्रुघ्न की दुकान में लगे सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी विक्की उर्फ विनय की उपस्थिति पाई गई। सीसीटीवी फुटेज जप्त किया गया। संपूर्ण विवेचना पश्चात तीनों आरोपी भरत लिल्हारे विक्की उर्फ विनय पटले और आशीष डेनियल को गिरफ्तार करने के बाद अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। यह मामला विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश भू भास्कर यादव की बैहर की अदालत में चला। विद्वान अदालत ने अपनी विवेचन मैं पाया कि आरोपीगण का उद्देश्य प्रार्थी या उसके परिजनों की हत्या करनी होती तो वे उनके घर में जाकर धमकी नहीं देते बल्कि सीधे हत्या कर देते। कोई हत्या करने वाला अपराधी पहले से अपने शिकार के पास जाकर अपनी योजना के बारे में नहीं बताता। ऐसे में केवल यह प्रमाणित होता है कि आरोपी भरत और विक्की केवल धमकी देकर काम निकालना चाहते थे। उनका उद्देश्य केवल प्रार्थी गण को आंतकित करना था। इस मामले में अभियोजन पक्ष भरतलाल लिल्हारे और विनय कुमार उर्फ विक्की पटले के विरुद्ध धारा 506 भाग 2, सहपठित धारा 120बी भादवि का आरोप संदेह से परे प्रमाणित करने में सफल रहा। विद्वान अदालत ने आरोपी आशीष डेनियल को इस मामले से आरोप प्रमाणित नहीं होने पर दोष मुक्त किए हैं। अंततः विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी भरत लाल लिल्हारे एवं विनय कुमार उर्फ विक्की पटले को धारा 506 भाग(2) सहपठीत धारा 120 बी भादवि के तहत अपराध में तीन-तीन वर्ष की कठोर कारावास और प्रत्येक को 10- 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किये। अभियोजन की ओर से इस मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक अशोक कुमार वाट द्वारा की गई थी।