कई साल से कनाडा उच्च शिक्षा पाने के लिए भारतीय छात्रों खास तौर से पंजाब के छात्रों की पहली पसंद रहा है। हालांकि हालिया रुझानों से पता चलता है कि कनाडा की जगह लोग अब जर्मनी में जाना पसंद कर रहे हैं। पंजाब के छात्रों के लिए जर्मनी को एक शिक्षा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जर्मनी के शिक्षण संस्थानों से जुड़े लोग इन कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। वह यहां छात्रों को योग्यता के आधार पर छात्रवृत्ति के बारे में जानकारी देते हैं। इसके अलावा छात्रों को उनकी पढ़ाई के दौरान और उसके बाद वर्क परमिट के अवसरों के बारे में बताते हैं।
जर्मनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, किफायती जीवन और आशाजनक कैरियर की संभावना तलाशने वाले छात्रों के लिए आकर्षण है। एजुकेशन कंसल्टेंट्स जो पहले कनाडा पर फोकस करते थे, वह अब जर्मनी को बढ़ावा देने में लगे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंटरनेशनल छात्रों से जुड़ी नीति में बार-बार बदलावों के कारण छात्र जर्मनी की ओर अपना रुख कर रहे हैं। जर्मनी में ट्यूशन फीस का भुगतान किए बिना सार्वजनिक यूनिवर्सिटी में अध्ययन करने का मौका मिलता है।
जर्मनी में फीस नहीं बनती बोझ
कनाडा में ट्यूशन फीस एक बड़ा बोझ बन सकती है। वहीं जर्मनी सभी सार्वजनिक संस्थानों में मुफ्त शिक्षा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त जर्मनी में अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा परीक्षण प्रणाली (IELTS) की जरूरत नहीं पड़ती है, जिससे उन छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल हो जाएगी, जिन्हें भाषा से जुड़ी परिक्षाओं में कठिनाई हो सकती है। यही कारण है कि लगातार जर्मनी पढ़ने के लिए जाने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि हो रही है।