एक तरफ मध्य प्रदेश सहित पूरे देश में सांख्यिकी व जातिगत जनगणना की मांग उठ रही है,तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार द्वारा इंसानों की जनगणना की जगह पशुओं की गणना पर जोर दिया जा रहा है। जहां बालाघाट सहित संपूर्ण मध्य प्रदेश में गाय भैंस बकरी कुत्ता(श्वान) बिल्ली सहित समस्त पशुओं की गणना करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। जिसके मुताबिक बालाघाट सहित संपूर्ण मध्य प्रदेश में 15 सितंबर से लेकर 31 दिसंबर तक पशुओं की गणना कर जिले में मवेशियों के आंकड़े एकत्र कर केंद्र सरकार को दिए जाएंगे। जहां केंद्र सरकार द्वारा मवेशियों के आंकड़ों का अध्ययन कर मवेशियों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं बनाई जाएगी। इन योजनाओं के दम पर सरकार द्वारा पशुपालक किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।जिसकी तमाम जानकारी गुरुवार को जिला पंचायत भवन में आयोजित एक बैठक के दौरान पशु विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई है।
हर 5 वर्ष में होती है पशुओं की गणना
बताया जा रहा है कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए पशुपालन व फार्मिंग में केंद्र सरकार द्वारा योजना बनाई जानी है। जिसके चलते बालाघाट जिले सहित संपूर्ण प्रदेश में पशुओं की गणना की जा रही है। जानकारी के अनुसार योजनाओं के निर्माण और उनके परिपालन के लिए प्रत्येक 5 वर्ष में मवेशियों की गणना की जाती है। पिछले बार यह गणना वर्ष 2019 में की गई थी। जो इस बार वर्ष 2024 में की जाएगी।आपको बताए कि पशु गणना का यहां 21वां वर्ष है जब सरकार पशुओं के आंकड़े जुटाकर मवेशियों के लिए विभिन्न प्रकार की योजना बनाने की बात कह रही है।
वर्ष 2019 में जिले में थे 11,लाख 27000 मवेशी
वही बात अगर 5 वर्ष पूर्व वर्ष 2019 में की गई पशु जनगणना की करें, तो विभागीय की जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में बालाघाट जिले में 6 लाख गौवंश थे। तो वहीं 1लाख 68000 भैस वंश संख्या की गणना की गई थी। इसके अलावा बकरी कुत्ता(श्वान),बिल्ली, घोड़ा, मुर्गी सहित अन्य मवेशियों को मिलाकर वर्ष 2019 में बालाघाट जिले में कुल 11 लाख 27 हजार मवेशी पाए गए थे।
एप के माध्यम से होगी गणना, ऑनलाइन होगी जानकारी
बताया जा रहा है कि इस बार पशु गणना के लिए एक स्पेशल एप का उपयोग किया जाएगा जहां घर-घर मवेशियों की गणना कर एप के माध्यम से पशुओं की ऑनलाइन एंट्री की जाएगी। जहां जिले की सभी 10 ब्लॉकों में फील्ड ऑफिसर सहित अन्य प्रगणक गांव-गांव घर-घर जाकर पशुओं की गणना कर मवेशियों के आंकड़े एकत्र करेंगे। जिसकी रिपोर्ट पशुपालन विभाग को दी जाएगी जहां 31 दिसंबर की डेडलाइन तक पशुपालन विभाग द्वारा मवेशियों की गणना के संपूर्ण आंकड़ों की जानकारी प्रदेश सरकार, तो वहीं प्रदेश सरकार से यह जानकारी केंद्र सरकार को भेजी जाएगी।
योजना बनाने की जा रही गणना- कामड़े
जिला पंचायत में पशु गणना बैठक को लेकर की गई चर्चा के दौरान पशुपालन विभाग सहायक संचालक एवं पशु गणना जिला नोडल अधिकारी डॉ अमित कामड़े ने बताया कि केंद्र सरकार की मंशानुरूप मध्य प्रदेश सहित संपूर्ण भारत में पशुओं की गणना की जानी है। जिसकी गणना कर पशुपालन को बढ़ावा देकर पशुओं के लिए विभिन्न प्रकार की योजना बनाई जाएगी जिसका सीधा फायदा पशुपालक किसानों को होगा।जहां किसानों की आय बढ़ाने के लिए जिले में भी मवेशियों की गणना कर उनका आंकड़ा एकत्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में पशुओं की गणना का कार्य 15 सितंबर से 31 दिसंबर तक करने का लक्ष्य दिया गया है। जिसमें फील्ड ऑफिसर, गौ सेवक, विभाग के प्रगणक और गैर विभागीय प्रगणना को सर्वे के कार्य में लगाया जाएगा। जिसकी ट्रेनिंग उन्हें दी जा चुकी है। वही फील्ड ऑफिसर प्राप्त आंकड़ों को द्वितीय श्रेणी पशु चिकित्सक व सुपरवाइजर तक पहुचाएंगे।तो वही जिले के सभी 10 ब्लॉकों से प्राप्त आंकड़ों को सुपरवाइजर द्वारा जिला नोडल अधिकारी के पास प्रेषित किया जाएगा।जिसके उपरांत जिला नोडल अधिकारी द्वारा संपूर्ण मवेशियों के आंकड़े एकत्र कर डाटा बनाकर इसकी पूरी जानकारी मध्यप्रदेश शासन को भेजी जाएगी। जहां मध्य प्रदेश शासन यह संपूर्ण जानकारी केंद्र सरकार को भेजेगा वहीं केंद्र सरकार पशुपालन के क्षेत्र में आंकड़ों के आधार पर विभिन्न प्रकार की योजनाएं बनाएंगे जिसका सीधा फायदा पशुपालक किसानों को होगा।