वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न सूत्रीय मांगे पूरी ना होने से जिले के समस्त विभागों में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी प्रदेश सरकार से खासा नाराज है। जिन्होंने प्रदेश सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए मंगलवार को प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जहां अपनी विभिन्न लंबित मांगे पूरी ना होने से नाराज सभी विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों ने मंगलवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय के सामने सांकेतिक तौर पर प्रदर्शन करते हुए एक ज्ञापन सौपा।मप्र राज्य कर्मचारी संघ के बैनर तले सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए पुरानी पेंशन लागू करने, महंगाई भत्ता देने, वेतन विसंगति को दूर करने और सातवें वेतनमान का लाभ दिए जाने सहित वर्षों से लंबित विभिन्न विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों की लंबित करीब 27 सूत्रीय मांगे पूरी किए जाने की गुहार लगाई।जहा संघ अध्यक्ष अशोक बिसेन द्वारा वर्षों से लंबित उनकी सभी मांगों को यथाशीघ्र पूरी किए जाने की गुहार लगाई गई। तो वहीं उन्होंने मांग पूरी न होने पर 14 अक्टूबर को समस्त अधिकारियों कर्मचारियों को साथ लेकर भोपाल सचिवालय के सामने आंदोलन किए जाने की चेतावनी दी है
इन मांगों को लेकर सौपा ज्ञापन
मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना वरिष्ठता के साथ लागू करने, प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों की पदोन्नतियॉ अतिशीघ्र प्रारंभ करने, प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों एवं पेशनों को केन्द्र के समान महंगाई भत्ता देते हुए, एरियर्स की राशि का भुगतान करने, प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों सहित निगम मण्डल इत्यादि के अधिकारी
/कर्मचारी को गृह भाड़ा भत्ता व अन्य भत्ते सातवे वेतनमान अनुसार केन्द्रीय कर्मचारियों के समान दिए जाने, प्रदेश के अधिकारियों कर्मचारियों हित पेंशनरों निगम मण्डल इत्यादि में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मंत्री परिषद के आदेश दिनांक 4 अप्रेल 2020 के संदर्भ में करने, नए शिक्षा सवंर्ग में नियुक्त अध्यापक संवर्ग को नियुक्ति के स्थान पर संविलियन के आदेश जारी कर सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति दिनांक से करने, वरिष्ठता के आदेश जारी कर, क्रमोन्नति का लाभ देने।मप्र वित्त विभाग पत्र दिनांक 14 अगस्त.2023 के द्वारा चतुर्थ समयमान वेतनमान प्रदान करने,नियुक्ति दिनांक से समस्त शिक्षक वर्ग को 35 वर्ष पूर्ण होने पर चतुर्थ समयमान प्रदान किया जाने, प्रदेश में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थायी कर्मी, कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों के विरूद्ध नियमितिकरण करने के उपरान्त शेष पदों पर सीधी भर्ती करने,विभागाध्यक्ष को अपने विभाग में उपरोक्त कर्मियों को नियमितिकरण के अधिकार देने तृतीय श्रेणी / चतुर्थ श्रेणी के पदों पर आउटसोर्स कर्मियों को शासकीय सेवक मान्य करने,कार्यभारित कर्मचारियों को अवकाश नगदीकरण का लाभ देने,लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान देने, लिपिक संवर्ग को भी उच्च पदभार के आदेश जारी करने,सभी विभागों के कर्मचारियों को समयमान वेतनामन का लाभ पदोन्नत वेतनमान के अनुसार देने,भारत सरकार एवं छत्तीसगढ सरकार की भांति म०प्र० के वे कर्मचारी जे पांचवे वेतनमान में 1जनवरी से 30 जून के मध्य वेतनवृद्धि प्राप्त करते थे उन्हें एक अतिरिक्त वेतनवृद्धि का लाभ देने, नवीन नियुक्तियों में स्टायफण्ड (70, 80, 90%) की व्यवस्था को समाप्त कर 2 वर्ष की परिवीक्षा अवधि के पूर्ववर्ति नियम को लागू कराने,कृषि विस्तार अधिकारियों की वेतन विसंगति का निराकरण मा०उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार करने,कृषि विभाग में कृषि विस्तार अधिकारियों को वरिष्ठता के आधार पर उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया को लागू करने,
समस्त विषय के सहायक शिक्षक / उच्च श्रेणी शिक्षक को वरिष्ठ और योग्यता के आधार पर
पदोन्नति एवं पदनाम देने, विशेष कर जिन्होने स्नातक एवं स्नातकोत्तर जिस विषय में
किया है उस पर विशेष ध्यान दिया जाने, 300 दिवस का अर्जित अवकाश का नगदीकरण
के आदेश देकर, उच्च पदभार में डीईड. और बीईड की अनिवार्यता उच्च पदभार देने के बाद करने,
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लमिब्त मांगों / वेतन विसंगतियों को शीघ्र निराकरण करने, 31 वर्ष से स्वास्थ्य विभाग में नियमित पदों के विरूद्ध कार्यरत कुष्ठ कर्मचारियों को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता एवं मंहगाई भत्ता का लाभ देने, नेत्र चिकित्सा सहायकों का पदनाम परिवर्तित कर नेत्र चिकित्सालय अधिकारी करने,पंचायत सचिव एवं स्थायी कर्मियों को सातवे वेतनमान का लाभ देने, वाहन चालकों की नियमित भर्ती की करने,उनका पद नाम परिवर्तित कर टैक्सी प्रथा पर पूर्णत
प्रतिबंध लगाने,विभिन्न विभागों के संवगों के वेतन विसंगति का निराकरण म०प्र०शासन द्वारा गठित वेतन आयोग द्वारा कराया जाने, एंव वेतन आयोग के “विचारणीय विषय” वित्त विभाग म०प्र०शासन के राजपत्र दिनांक 12 दिसम्बर 2019 अनुसार जारी करने,भृत्य का पदनाम परिवर्तित किया जाकर कार्यालय सहायक किया जाने एंव जल संसाधन विभाग के अमीन का पदनाम सिंचाई विस्तार अधिकारी करने, आयुष संचलनालय द्वारा वर्ष 2003 में रिक्त पद के विरूद्ध की गई संविदा नियुक्ति को नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देने,
परिवार पेंशन के लिए 33 वर्ष की अहर्ता सेवा को कम कर 25 वर्ष करने,प्रदेश के सभी विभागों में अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों का तत्काल निराकरण कर,नियमों का सरलीकरण करते हुए 3 वर्ष में सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता में संसोधन करने, पूर्व नियमों के अनुसार सी.पी.सी.टी. परीक्षा उत्तीण करने के उपरान्त वेतन वृद्धि का लाभ देने, सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त करने, शिक्षा विभाग मे अनुकम्पा
नियुक्ति हेतु पात्रता परीक्षा एवं प्रशिक्षण की अनिवार्यता को समाप्त करने,आदिम जाति कार्य विभाग में शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्ति से आये शिक्षकों को शिक्षा विभाग में मर्ज करने,वन विभाग के अधिकारी / कर्मचारी 24 घंटे वन अपराधियों व वन्य प्राणियों के मध्य कार्य करते हैं उन्हें प्रतिमाह 500/- जोखिम भत्ता देने,कर्मचारियों द्वारा पदोन्नति से इंकार करने पर क्रमोन्नति का लाभ नही दिये जाने संबंधी सामान्य प्रशासन विभाग के कर्मचारी विरोधी आदेश निरस्त करने, मुख्य सचिव स्तरीय परमर्शदात्री समिति की बैठक शीघ्र आयोजित करने, सहित अन्य सभी मांगो को यथाशीघ्र पूरी किए जाने की गुहार लगाई है।
तो 14 अक्टूबर को भोपाल सचिवालय के सामने करेंगे प्रदर्शन- अशोक बिसेन
ज्ञापन को लेकर की गई चर्चा के दौरान मप्र राज्य कर्मचारी संघ जिला अध्यक्ष अशोक विषय ने बताया कि म०प्र० राज्य कर्मचारी संघ द्वारा प्रदेश के अधिकारियों / कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों
के संबंध में म०प्र० शासन / प्रशासन को ज्ञापन / पत्र के माध्यम से मांगों की पूर्ति के लिए समय-समय पर ध्यानाकर्षण करवाया जाता रहा है । सम्पूर्ण भारतवर्ष में मध्यप्रदेश ऐसा इकलौता राज्य बन गया है जहाँ पिछले 7 वर्षो से प्रदेश के अधिकारियों / कर्मचारियों की पदोन्नति रूकी हुई हैं जिससे प्रदेश के अधिकारियों/कर्मचारियों में दिन प्रतिदिन निराशा बढने से शासकीय कार्यो पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।वही ऐसी कई मांगे हैं जो वर्षों से लंबित है।आवेदन निवेदन करने पर भी सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। जिसके चलते आज प्रदेश संगठन के आह्वान पर 27 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौपा गया है वही समस्त मांगों को जल्द से जल्द पूरा किए जाने की गुहार लगाई गई है। यदि 13 अक्टूबर तक समस्त मांगे पूरी नहीं की जाती तो 14 अक्टूबर को समस्त विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों की मांगों को लेकर भोपाल सचिवालय के सामने संघ के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा।