बीजेपी और एबीवीपी में ठनी! सदस्य बनाने इंदौर के कॉलेज में घुसे तो उल्टे पांव लौटाया

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शहर के एक सरकारी कॉलेज में बीजेपी के मेगा सदस्यता अभियान में अड़चन आ गई है। यह विपक्ष की तरफ से नहीं था, बल्कि आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी ने इसका विरोध किया। एबीवीपी ने मांग की कि शिक्षा के मंदिरों को राजनीति का अखाड़ा न बनाया जाए। जब जब छात्र बोला है, राज सिंहासन डोला है के नारों के साथ, एबीवीपी के छात्रों ने शासकीय होल्कर साइंस कॉलेज के प्राचार्य का विरोध किया।

बीजेपी नेताओं ने समझाने की कोशिश की

वहीं, इंदौर-3 के विधायक गोलू शुक्ला और बीजेपी इंदौर शहर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने छात्रों को समझाने की कोशिश की। आखिरकार, प्राचार्य सुरेश टी सिलावट को एक लिखित आदेश जारी करना पड़ा कि एबीवीपी की सहमति के बिना कॉलेज परिसर के अंदर कोई भी राजनीतिक कार्यक्रम नहीं होगा।


हर बूथ से 100 सदस्य बनाने का लक्ष्य

बीजेपी ने मध्य प्रदेश के 64,871 बूथों में से प्रत्येक में 100 सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। मंगलवार को जब कॉलेज में एबीवीपी के छात्र कक्षाओं में शामिल हो रहे थे, तो उन्होंने देखा कि कुछ बीजेपी कार्यकर्ता सदस्यता अभियान के लिए परिसर में प्रवेश कर रहे हैं।

प्रिंसिपल ने दी थी अनुमति

एबीवीपी इंदौर शहर के सचिव रितेश पटेल ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि हमने पाया कि कुछ बीजेपी कार्यकर्ता सदस्यता अभियान चला रहे हैं। हमने पूछा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है और पाया कि प्राचार्य ने अनुमति दी थी।


हम मना नहीं कर सकते

वहीं, प्राचार्य ने कहा कि हम उन्हें अनुमति देने से इनकार नहीं कर सकते, इसलिए हमने विरोध करना शुरू कर दिया। पटेल ने कहा कि हमने उनसे कहा कि आज बीजेपी आई है, कल कोई और पार्टी आएगी। हमने कहा कि यह सीखने का मंदिर होना चाहिए, राजनीति का अखाड़ा नहीं।


बीजेपी और हमारे बीच वैचारिक समानताएं

एबीवीपी के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि एबीवीपी और बीजेपी के बीच वैचारिक समानताएं हो सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम उन्हें परिसरों में प्रवेश करने देंगे। जब हमें सदस्यता अभियान के बारे में पता चला तो हमने चार अन्य कॉलेजों में विरोध किया। हमने अन्य जिलों के सदस्यों के साथ समन्वय किया है, उनसे कहा है कि वे बीजेपी को परिसरों के अंदर न आने दें।


गलतफहमी की वजह से ऐसा

इंदौर और भोपाल में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि गलतफहमी दूर हो गई है। विधायक शुक्ला ने कहा कि एबीवीपी और बीजेपी एक ही हैं। उन्होंने हमारा विरोध नहीं किया। हमने इस मुद्दे को सुलझा लिया। हो सकता है कि कुछ कार्यकर्ता कॉलेज परिसरों के अंदर चले गए हों और कोई गलतफहमी हुई हो।

वहीं, रणदिवे ने कहा कि 5 लाख नए सदस्यों के साथ इंदौर में भाजपा का सदस्यता अभियान सफल रहा। यह घटना एक गलतफहमी थी। एबीवीपी कैंपस के अंदर काम करता है, हम बाहर थे। एबीवीपी का अपना स्टैंड है। हमने उन्हें यह बताने की पूरी कोशिश की है कि हम कॉलेज कैंपस के बाहर सदस्यता लेंगे।

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