रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन युद्ध के बीच परमाणु धमकी दी है। पुतिन ने रूस के परमाणु नीति में समीक्षा का प्रस्ताव दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन यूक्रेन और यहां तक कि नाटो सदस्य देशों में परमाणु बम इस्तेमाल करने के लिए तैयारी कर रहे हैं। रूस के पास वर्तमान समय में 5,580 परमाणु हथियार हैं और उसने 1710 एटम बमों को तैनात कर रखा है। यह दुनिया में सबसे ज्यादा है। इन परमाणु बमों को दागने के लिए रूस के पास R-36 अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल, परमाणु ऊर्जा से चलने वाला टारपीडो पोसाइडन, सबमरीन से दागे जाने वाली बुलावा मिसाइल और टोपोल एम मोबाइल अंतर महाद्वीपीय मिसाइल है जो खुद का बचाव करने में सक्षम है।
पुतिन ने यह चेतावनी तब दी है जब यूक्रेन युद्ध तीसरे साल में प्रवेश कर गया है और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस की सीमा के अंदर लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों के इस्तेमाल की पश्चिमी देशों से अनुमति मांगी है। विश्लेषकों का कहना है कि पुतिन ने यह बयान इसलिए दिया है ताकि पश्मिची देशों को यूक्रेन का सपोर्ट करने से रोका जा सके। पुतिन अब तक इशारों में या अपने करीबी दमित्री मेदवेदेव के जरिए अक्सर परमाणु धमकी देते रहे हैं। हालांकि बार बार धमकी देने के बाद वह खुद को दबाव डाल रहे हैं कि परमाणु बम का इस्तेमाल न केवल यूक्रेन के खिलाफ किया जाए बल्कि नाटो देशों के खिलाफ भी।
पुतिन के पास बचे हैं मात्र तीन विकल्प
कनाडा के क्वीन विश्वविद्यालय में फेलो मैक्सिम स्टारचाक ने कहा कि परमाणु सिद्धांत में समीक्षा के जरिए पुतिन चाहते हैं कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की सीमा को कम किया जाए। मैक्सिम ने कहा कि पुतिन को उम्मीद है कि उनका परमाणु ब्रह्मास्त्र काम करेगा। एक वरिष्ठ यूरोपीय सैन्य अधिकारी ने कहा कि ढाई साल युद्ध बीत जाने के बाद अब पुतिन के पास एक बहुत ही सीमित विकल्प बचे हैं। उन्होंने कहा कि पुतिन के पास उकसावे की कार्रवाई के लिए बहुत कम क्षमता बची है। पुतिन के पास 3 विकल्प बचे हैं। पहला परमाणु धमकी देते रहना, परमाणु बम का इस्तेमाल और पश्चिमी देशों के खिलाफ हाइब्रिड युद्ध।