मोहम्मद अजहरुद्दीन पर जब भड़क गए थे गौतम गंभीर, बिना नाम लिए सौरव गांगुली को खूब सुनाया था

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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को ईडी का समन मिला है। हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते उनपर पैसों के हेरफेर का आरोप है। भारत के लिए 400 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेल चुके अजरुद्दीन 2019 में एससीए के अध्यक्ष बने थे। उन्हें 2021 में पद से हटा दिया गया था। उन्हें गुरुवार को ईडी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। मोहम्मद अजहरुद्दीन कांग्रेस के नेता हैं और 2009 से 2014 तक सांसद भी रह चुके हैं।

फिक्सिंग के कारण बैन हो चुके

मोहम्मद अजहरुद्दीन मैच फिक्सिंग के आरोपों की वजह से बैन भी हो चुके हैं। 2000 में मैच फिक्सिंग का आरोपी पाए जाने के बाद बीसीसीआई ने उन्हें आजीवन प्रतिबंधित कर दिया था। इस बैन के साथ ही 334 वनडे और 99 टेस्ट मैच का अजहर का करियर खत्म हो गया। उन्होंने 1985 में डेब्यू किया था और संन्यास लेने के समय सबसे ज्यादा वनडे मैच खेलने वाले खिलाड़ी थे। 2012 में आंध्रा प्रदेश हाई कोर्ट ने उनका आजीवन बैन हटा दिया था।

बेल बजाने की वजह से भड़के थे गंभीर

भारतीय टीम के वर्तमान हेड कोच गौतम गंभीर कुछ समय पहले मोहम्मद अजहरुद्दीन की वजह से बीसीसीआई और बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (CAB) पर काफी भड़क गए थे। 2018 में कोलकाता के ईडेन गार्डन्स पर भारत और वेस्टइंडीज का टी20 मैच हुआ था। मैच शुरू होने से पहले घंटी बजाने के लिए मोहम्मद अजहरुद्दीन को बुलाया गया। तब सौरव गांगुली कैब के अध्यक्ष हुआ करते थे।

इसके बाद गौतम गंभीर ने एक्स (तब ट्विटर) पर लिखा था- भारत ने आज ईडन में जीत हासिल की हो, लेकिन मुझे खेद है कि बीसीसीआई, सीओए और सीएबी हार गई। ऐसा लगता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ नो टॉलरेंस पॉलिसी रविवार को छुट्टी ले लेती है। मुझे पता है कि उन्हें एचसीए चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई थी, लेकिन फिर यह चौंकाने वाला है। घंटी बज रही है, उम्मीद है कि जिनके पास पावर है वो लोग सुन रहे होंगे।

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