यूं तो यह बात दिग्गज अमेरिकी एक्टर अल पचीनो अपने इंटरव्यूज में पहले भी कह चुके हैं कि ‘द गॉडफादर’ में शुरुआती दौर में फिल्म के डायरेक्टर फ्रांसिस फोर्ड कोपोला उनके काम से इतने नाराज थे कि उन्हें निकालना चाहते थे। लेकिन अक्सर ऐसे इंटरव्यूज में मुकम्मल बात नहीं आ पाती। लोग यह भी जानना चाहते हैं कि हालात ऐसे थे तो फिर वे बदले कैसे। किस लम्हे ने इसे नया मोड़ दिया।
अल पचीनो ने अपने संस्मरण SONNY BOY में इस वाकये से परदा हटाया है और बताया है कि असल में हुआ क्या था। वह लिखते हैं कि एक रोज एक रेस्तरां में कोपोला ने उन्हें बुलाया और कहा कि वह अच्छा काम नहीं कर पा रहे हैं। कोपोला की नाराजगी को यूं समझा जा सकता है कि उन्होंने अल पचीनो को बैठने तक को नहीं कहा। इशारा साफ था कि अल पचीनो का काम आगे भी वैसा ही रहा तो उन्हें फिल्म छोड़नी पड़ेगी।
लेकिन रेस्तरां वाले वाकये के बाद फिल्म का एक सीन सूट हुआ। इस सीन में माइकल कॉर्लियोन का किरदार निभा रहे अल पचीनो अपने पिता (अमेरिका के महान अभिनेताओं में से एक माने जाने वाले मार्लन ब्रैंडो ने यह भूमिका अदा की थी) की हत्या की कोशिश करने वाले एक शख्स की जान ले लेते हैं। इसे न सिर्फ ‘द गॉडफादर’ बल्कि सिनेमा के इतिहास के चुनिंदा शानदार सीन में से एक माना जाता है।