भोपाल: एक सप्ताह के अंदर भोपाल में दूसरे व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट होने से बचाया गया है। साइबर अपराधियों ने एक टेकी को छह घंटे तक उसके घर में कैद रखा है। साथ ही कोई भी कॉल रिसीव करने पर पाबंदी लगा रखी थी। ऑफिस के ग्रुप में टेकी को रिस्पॉन्स नहीं कर रहा था। इसके बाद उनके साथियों को शक हुआ। इसके बाद वे लोग घर पर देखने पहुंचे तो टेकी डिजिटल अरेस्ट था। साथियों ने तुरंत माजरा समक्षा और टेकी को छुड़ाया है।
छह घंटे तक रखा कैद
दरअसल, टेलीकॉम इंजीनियर को साइबर अपराधियों ने छह घंटे तक उसके घर में डिजिटल अरेस्ट करके रखा। साथ ही उससे रुपए की मांग कर रहे थे। अपराधी चार लाख रुपए उसे छोड़ने के लिए मांग रहे थे। इस दौरान टेलीकॉम इंजीनियर के दोस्त उसके घर पहुंच गए और मदद की है। इंजीनियर का नाम प्रमोद कुमार है। साइबर अपराधियों ने इंजीनियर को डराया था कि आपके आधार कार्ड का इस्तेमाल सिम कार्ड के लिए किया जा रहा है। साथ ही इसका मिसयूज हो रहा है।
सिम कार्ड के मिसयूज को लेकर धमकी
भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि पीड़ित प्रमोद कुमार भोपाल के बजारिया इलाके में रहते हैं। मंगलवार शाम साढ़े छह बजे के करीब उनके पास अनजान नंबर से फोन आया। आपके आधार कार्ड पर कई सिम इश्यू हैं, जिसका गलत इस्तेमाल हो रहा है। उसने पुलिस कार्रवाई की धमकी दी। साथ ही कहा कि इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं दोगे। इसके बाद यह कॉल वीडियो कॉल में तब्दील हो गया।
एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच शैलेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि वीडियो कॉल के दौरान अपराधी पुलिस अफसर, वकील और अन्य अधिकारियों की तरह पोज दे रहे थे। साथ ही बार-बार टेलीकॉम इंजीनियर को धमकी दे रहे थे। यह एक गंभीर अपराध है। इसके साथ ही साढ़े तीन लाख से चार लाख रुपए जुर्माने की मांग कर रहे थे। नहीं देने पर कानूनी कार्रवाई की बात कर रहे थे। इसके बाद प्रमोद पूरी तरह से डर गए। डर से वह अपने कलिग का फोन भी नहीं उठा पा रहे थे।
कॉल नहीं रिसीव करने पर पहुंचे दोस्त
प्रमोद के बार-बार कॉल नहीं उठाने पर उनके दोस्त घर पहुंचे। इसके बाद लोगों ने प्रमोद को डिजिटल अरेस्ट देखा। दोस्तों ने ही इसके बाद क्राइम ब्रांच को सूचना दी। इसके बाद बुधवार को क्राइम ब्रांच के अधिकारी प्रमोद के घर पहुंचे। प्रमोद ने फिर उन्हें सारी जानकारी दी है। इसके साथ ही प्रमोद ठगी के शिकार होने से बच गए।