वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)। खैरलांजी जनपद पंचायत के जनपद सदस्यों के द्वारा स्थाई सीईओ की पदस्थापना नहीं होने के विरोध में जनपद पंचायत में तालाबंदी कर आंदोलन किया गया था। जिसे ४ दिनों बाद स्थगित किया गया यह आंदोलन जिला प्रशासन के आश्वासन एवं सप्ताह में २ दिन के लिए फुल टाइम सीईओ दिए जाने पर सहमति बनी इसके बाद १७ नवंबर की शाम को जनपद का ताला खोला गया। विदित हो कि जनपद पंचायत खैरलांजी में निर्वाचन के बाद से जनपद सीईओ लगातार बदलते जा रहे हैं और सभी प्रभार में चल रहे हैं। जहां वर्तमान में वारासिवनी जनपद सीईओ दीक्षा जैन प्रभार में है जहां पर सीईओ उपस्थित नही होने के कारण जनप्रतिनिधि क्षेत्रवासी सहित स्टाफ को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था लोगों के कार्य नही होने से उन्हें समस्या हो रही थी। जिसको लेकर लगातार जनप्रतिनिधियों के द्वारा जिला प्रशासन एवं शासन से आवेदन निवेदन कर मांग की जा रही थी। परंतु उनकी मांगों पर ध्यान ना देने पर ६ नवंबर को जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांगे पूरी नही होने पर १४ नवंबर को जनपद में तालाबंदी की चेतावनी दी गई थी। परंतु जिला प्रशासन से स्थाई सीईओ की व्यवस्था नही होने पर अनिश्चितकाल के लिए तालाबंदी कर दी गई। इसके बाद लगातार प्रशासन के द्वारा जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर दो दिवस फु ल टाइम सीईओ जनपद पंचायत खैरलांजी को दिए जाने पर सहमति बनी। जिसके बाद १७ नवंबर की शाम को आंदोलन स्थगित कर जनपद का ताला खोला गया। इस दौरान प्रभावित हुए कार्य १८ नवंबर की सुबह से पूर्व की तरफ प्रारंभ हो गये। इस अवसर पर बड़ी संख्या में खैरलांजी के जनप्रतिनिधि गण मौजूद रहे।
हम सभी के द्वारा जो लड़ाई लड़ी जा रही थी वह जनहित के खिलाफ थी – दुर्गाप्रसाद लिल्हारे
जनपद उपाध्यक्ष दुर्गाप्रसाद लिल्हारे ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि स्थाई सीईओ नहीं मिलने को लेकर आंदोलन किया गया था इस दौरान प्रशासन से लगातार चर्चा होती रही थी। जिला सीईओ से भी हमने मांग की थी जिन्होंने बताया कि स्थाई सीईओ जिले के अंदर अभी मुश्किल है जिला कलेक्टर ने भी मुश्किल बताया और भोपाल से ही यह व्यवस्था होने की बात कह दी। जिसमें प्रयास कर जल्द स्थाई सीईओ देने का आश्वासन दिया गया है। परंतु वर्तमान में जो प्रभारी सीईओ है जो एक घंटा जनपद में देती थी उन्हें २ दिन के लिए फ ुल टाइम सुबह से शाम तक जनपद में उपस्थित रहने पर सहमति बनी है। जिससे हम संतुष्ट हैं इस दौरान क्षेत्र के लोगों की समस्या का समाधान तो होगा यह जो लड़ाई थी वह जनहित और लोगों को हो रही परेशानी के खिलाफ लड़ाई थी।