भारत के सबमरीन से लेकर युद्धपोत तक को सूंघ लेगा चीन, ड्रैगन ने मालदीव के मुइज्‍जू संग मिल चली नापाक चाल, समझें खतरा

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माले: मालदीव और चीन के बीच मोहम्‍मद मुइज्‍जू सरकार आने के बाद दोस्‍ती मजबूत होती जा रही है। भारत के साथ तनाव के बाद मुइज्‍जू ने दिल्‍ली के साथ दोस्‍ती करने का दिखावा किया लेकिन अब उनकी पोल खुलती दिख रही है। मालदीव की सरकार चीन के साथ हिंद महासागर के अंदर फिश एग्रीगेटिंग डिवाइसेस लगाने के लिए बातचीत कर रही है। मालदीव के इस कदम से भारत के रणनीतिक हलके की टेंशन बढ़ती दिख रही है। ये डिवाइसेस इस तरह से बनाए गए होते हैं कि मछल‍ियों की हरकत पर नजर रखते हुए केमिकल और फिजिकल समुद्री डेटा को भी इकट्ठा कर सकते हैं। चीन अगर अपने प्‍लान में सफल होता है तो वह हिंद महसागर में भारतीय नौसेना की हर हरकत पर आसानी से नजर रख पाएगा। आइए समझते हैं कि यह कितना बड़ा खतरा है…

]रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन के अधिकारी मालदीव के पर्यटन और पर्यावरण मंत्रालय तथा मौसम विभाग के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि इस जासूसी डिवाइस का पता लगाया जा सके। इस पूरे प्रोजेक्‍ट को मुइज्‍जू सरकार ने टॉप सीक्रेट रखा हुआ है। यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ है जब मालदीव के जलक्षेत्र में चीन की मौजूदगी लगातार बढ़ती जा रही है। इससे पहले साल 2024 में चीन का महाशक्तिशाली जासूसी जहाज शियांग यांग होंग 03 भी मालदीव आया था। यह श्रीलंका भी जाना चाहता था लेकिन कोलंबो की सरकार ने भारत के कहने पर अनुमति नहीं दी थी।

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