शहर के बस स्टैंड स्थित दानवीर दीवान बहादुर मुलना साहब की स्मृति में बनाया गया उद्यान नगर पालिका की अनदेखी की वजह से उजाड़ हो गया अब वह लोगों के लिए कचरा घर और शराबियों के लिए जाम छलका ने का अड्डा बन गया है।
यह बात उस समय और ज्यादा आश्चर्य में डाल देने वाली लगती है जब नगर पालिका के कर्मचारी अधिकारी 2 घंटा प्रतिदिन श्रमदान करने का दावा करते हैं। यही नहीं 3 स्टार और 4 स्टार श्रेणी में आने के लिए दावेदारी ठोकते हैं, बालाघाट को डबल ओडीएफ प्लस का दर्जा दिलाने के कागजी घोड़े दौड़ते हैं।
इस गार्डन की दुर्दशा के लिए पहली जिम्मेदार तो नगरपालिका है, बाद में रही सही कसर दिनभर कचरा घर समझने वाले लोग और रात में जाम छलका ने वाले लोग पूरी कर रहे हैं। तभी तो इस विषय पर बड़ी बेबाकी से यात्री और स्थानीय जन यह सब कुछ कहते दिखाई देते हैं।