मांडू की 25 वर्षीय सीता वसुनिया ने वह स्थान प्राप्त किया है, जिस पर बड़ी-बड़ी फिल्म अभिनेत्री भी गर्व करती हैं। अंतरराष्ट्रीय फैशन मैगजीन वोग के डिजिटल संस्करण में धरा स्व सहायता समूह की कार्यकर्ता सीता दीदी का फोटो फैशन के लिए चयनित किया गया है। यह फोटो डिजिटल संस्करण में अपलोड किया गया है। सीता और उनकी कुछ साथी महेश्वरी व चंदेरी प्रिंट की साड़ियां व ड्रेस मटेरियल तैयार करती हैं। ये महिलाएं कॉटन के कपड़े की खरीदी से लेकर उनसे सामग्री तैयार करती हैं। उसकी छपाई रंगाई से लेकर उसकी मार्केटिंग तक का काम करती हैं। अहम बात यह है कि यह बेटियां खुद माडलिंग भी करती हैं, ताकि यह स्व सहायता समूह नुकसान में नहीं रहे।
इस बारे में कलेक्टर आलोक कुमार सिंह ने बताया कि हमें गर्व है कि सीता जैसी बेटी को अंतरराष्ट्रीय फैशन मैगजीन वोग में स्थान मिला है। इस प्रोजेक्ट के बारे में अपर कलेक्टर डा. सलोनी सीडाना ने बताया कि बाग प्रिंट का कार्य सभी महिलाएं नहीं कर पाती हैं। इसकी वजह यह कि इस प्रिंट को जीआइ टैग मिला हुआ है। बाग क्षेत्र से अलग जो महिलाएं काम करना चाहती हैं। उनके लिए हमने समूह बनाए हैं। उसमें तीन समूह धरा, सूरज और चांदनी समूह काम कर रहे हैं। धरा स्वयं सहायता समूह की महिलाएं चंदेरी, महेश्वरी आदि काटन पैटर्न पर कार्य कर रही हैं। हम उन्हें स्थानीय स्तर पर आर्गेनिक काटन का कपड़ा उपलब्ध करवाते हैं। उसमें हमारी टीम को मदद करती है। उसके बाद फर्रुखाबाद से बनकर आने वाले ब्लाक से यह खुद प्रिंट यानी ठप्पा लगाती हैं और उसे आकर्षक डिजाइन में तैयार करती हैं। कपड़े की रंगाई आदि संबंधी जो प्रोसेस है ,उसको भी खुद करती हैं। हमने इनको आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह से तैयार किया है कि वह खुद माडल के तौर पर भी काम करें। इस फोटो में बेहद सादगी है। किसी भव्य स्थान का फोटो नहीं बल्कि मांडू के जहाज महल में एक साधारण से बैकग्राउंड पर लिया गया है।
फरवरी में हमने काम शुरू किया था। कुछ ही दिनों में हमने यह मुकाम हासिल कर लिया है। यह तो हमारी शुरुआत है। हम 10 महिलाएं आत्म निर्भर होने का प्रयास कर रही हैं। -सीता वसुनिया, कलाकार व सदस्य समूह