बालाघाट और जिले से बाहर हुआ लोगों का हुआ निधन

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जिले के भीतर कोरोना संक्रमण महामारी की त्रासदी भयावक विकराल रूप ले चुकी है। जैसे जैसे दिन बीत रहे हैं लोगों को एक उम्मीद जाग रही है कि कोरोना का संक्रमण कुछ कमजोर होगा लेकिन वैसे- वैसे कोरोना और अधिक डरा रहा है। बुधवार को भी जिले के भीतर और बाहर इलाज कराने गए लोगों की दुखद समाचार मिलते रहे।

बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित जागपुर घाट श्मशान में दिन भर में 15, वारासिवनी में 9 और लांजी में 6 शव का अंतिम संस्कार किया गया।

आज शहर और जिला मुख्यालय के बाहर जो लोग इलाज कराने गए और हम से बिछड़ गए। दक्षिण वन मंडल सामान्य बालाघाट वन वृत्त गांगुलपरा में कार्यरत मोती नगर वार्ड नंबर 33 निवासी राजेंद्र कुमार चंदने, डॉक्टरी की पढ़ाई कर बिरसा के ग्रामीण अंचलों के लोगों की सेवा का भाव लिए मूलतः उकवा पोंड़ी निवासी डॉ क्रांतिराज बिसेन का रायपुर में इलाज के दौरान निधन हो गया।

बालाघाट नगर पालिका में सेवाएं दे चुके और अपनी दबंग अफसर के रूप में छवि बना चुके नगर पालिका सीएमओ डीएस परिहार का भोपाल में इलाज के दौरान निधन हो गया।

इस तरह हमारे बीच से आज ऐसे कई लोग हमेशा हमेशा के लिए हमें और अपनों को अलविदा कह गए।

कोरोना की इस त्रासदी के बीच हमारी फिर आपसे एक बार अपील है की बहुत जरूरी हो तभी घरों से बाहर निकले। सोशल डिस्टेंसिंग रखें। हाथों के बार-बार साफ करते रहे। शायद इस बीमारी का यही सबसे बड़ा इलाज है। सुरक्षित रहे और संक्रमित होने से बचे।

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