अर्थव्यवस्था में गिरावट के बावजूद बाजार में तेजी एक बुलबुला है, रिजर्व बैंक की रिपोर्ट

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शेयर बाजार की लगातार तेजी को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने सावधानी वाली सलाह दी है। इसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि घरेलू शेयर बाजार में तेजी एक बुलबुला है। खासकर तब यह तेजी सही नहीं है, जब इस चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में 8% की गिरावट का अनुमान है।

रियल इकोनॉमी में रिकवरी में समय लगेगा

अपनी सालाना रिपोर्ट में रिजर्व बैंक ने कहा कि रियल इकोनॉमी की गतिविधियों में रिकवरी की जो संभावनाएं हैं और तनाव वाली संपत्तियों की जो कीमतें हैं, दोनों के बीच काफी बड़ा अंतर है। यह ग्लोबल पॉलिसी की चिंता का मामला है। बीएसई सेंसेक्स ने 15 फरवरी को 52,154 का लेवल छुआ था। अभी यह 50 से 51 हजार के बीच में कारोबार कर रहा है। पिछले साल के 23 मार्च की तुलना में यह 100% ऊपर कारोबार कर रहा है।

जोखिम भरा बुलबुला है

रिजर्व बैंक ने कहा है कि यह एक जोखिम भरा बुलबुला है। अर्थव्यवस्था की रिकवरी के लिए जो पैसे डाले गए हैं, उससे प्रॉपर्टियों की कीमतों में महंगाई आ सकती है। बाजार मुख्य रूप से मनी सप्लाई और विदेशी निवेशकों के निवेश से चल रहा है। हालांकि विदेशी निवेशक इस महीने लगातार पैसे निकाल रहे हैं। अप्रैल में भी उन्होंने काफी पैसे बाजार से निकाले थे।

आगे बाजार में गिरावट रह सकती है

ऐसे में कुछ जानकारों का यह मानना है कि बाजार आगे गिरावट के दौर में रह सकता है। रिजर्व बैंक ने कहा कि साल 2016 से 2020 के शुरुआत में शेयर बाजार में जो तेजी रही वह इसलिए क्योंकि ब्याज दरें कम थीं और इक्विटी रिस्क प्रीमियम भी कम था। साथ ही आगे अर्निंग का अनुमान भी ज्यादा था। इक्विटी रिस्क प्रीमियम मतलब बाजार में एक निवेशक को स्टॉक पर रिस्क फ्री जो फायदा मिलता है, उससे है। रिजर्व बैंक ने कहा कि कोविड-19 में रिस्क प्रीमियम में तेजी चिंता का विषय है।

अर्थव्यवस्था पर एक घाव छोड़ दिया है

वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल ने अर्थव्यवस्था पर एक ‘घाव’ छोड़ दिया है। दूसरी लहर के बीच निराशा को टीकाकरण अभियान के चलते सतर्कताभरी उम्मीद से दूर करने में मदद मिल रही है। दूसरी लहर के साथ ही वृद्धि दर अनुमानों में बदलाव का दौर शुरू हो गया है। 2021-22 के लिए रिजर्व बैंक ने अर्थव्यवस्था में 10.5% की बढ़त का अनुमान लगाया है।

पहली तिमाही में 26.2%रह सकती है बढ़त

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वृद्धि दर 26.2%, दूसरी तिमाही में 8.3%, तीसरी तिमाही में 5.4% और चौथी तिमाही में 6.2% रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल और मई की शुरुआत के लिए एक मिली जुली तस्वीर दिख रही है। अप्रैल में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का कलेक्शन लगातार 7 वें महीने 1 लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है। इससे पता चलता है कि निर्माण और सेवा सेक्टर में तेजी है।

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