मकसद नेतन्याहू को हटाना, इजरायल में एक साथ आईं दक्षिणपंथी, वामपंथी, मध्यममार्गी पार्टियां

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नई दिल्ली : इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के हाथ से सत्ता फिसलती दिख रही है। बेंजामिन को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए विपक्षी दलों में गठबंधन सरकार बनाने पर सहमति बन गई है। सरकार में बेंजामिन के सहयोगी नेफ्टाली बेनेट विपक्ष का नेता बनकर उभरे हैं। विपक्ष यदि संसद में बहुमत साबित कर देता है तो नेफ्टाली अगले प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। विपक्षी दलों के बीच गठबंधन सरकार बनाने पर बनी सहमति से राष्ट्रपति को अवगत करा दिया गया है। नेतन्याहू इजरायल के एक ताकतवर राजनीतिक शख्सियत हैं। पिछले 12 वर्षों से देश की राजनीति उनके इर्द-गिर्द घूमती रही है।  

गठबंधन सरकार बनाने पर विपक्षी दलों में सहमति
इजरायल के विपक्ष के नेता येर लेपिड ने कहा है कि प्रधानमंत्री पद से नेतन्याहू को हटाने के लिए विपक्षी दलों के बीच गठबंधन सरकार पर सहमति बन गई है। 120 सीटों वाली संसद में विपक्ष यदि बहुमत साबित कर देता है तो सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले नेतन्याहू के कार्यकाल का समापन हो जाएगा। दरअसल, गठबंधन सरकार में दक्षिणपंथी, वामपंथी, मध्यममार्गी सभी पार्टियां शामिल हैं और इन सभी में गहरे राजनीतिक मतभेद हैं लेकिन नेतन्याहू को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए इन सभी दलों ने अपना मतभेद फिलहाल भुला दिया है। 

बेनेट 2023 तक इजरायल के पीएम बने रहेंगे
विपक्षी दलों के बीच सहमति बन जाने के बाद पूर्व टीवी न्यूज एंकर लेपिड ने कहा, ‘मैं सफल हो गया। मैं वादा करता हूं कि हमारी गठबंधन सरकार हमें वोट देने वालों और नहीं देने वालों सभी के लिए काम करेगी।’ सहमति के मताबिक प्रधानमंत्री पद का कार्यभार बारी-बारी से अलग-अलग पार्टी के नेता संभालेंगे। पहले दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के नेता नेफ्टाली बेनेट पीएम बनेंगे। बेनेट 2023 तक इजरायल का पीएम बने रहेंगे इसके बाद यह पद लेपिड के पास जाएगा। विपक्षी दलों के बीच गठबंधन सरकार बनाने पर सहमति बन जाने के बाद इजरायल में राजनीतिक अनिश्चितता का दौर समाप्त हो गया है। दरअसल, मौजूदा सरकार को 2 जून की रात तक संसद में बहुमत साबित करना था लेकिन लेपिड ने इसके पहले गठबंधन सरकार बनाने की घोषणा कर दी। 

बहुमत साबित न होने पर 2 साल में पांचवीं बार होंगे चुनाव
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि गठबंधन सरकार बनाने पर सहमति बन जाने के बावजूद नेतन्याहू के लिए संभावना बिल्कुल खत्म नहीं हुई है। संसद में बहुमत साबित करने के लिए दलों के पास कम से कम एक सप्ताह का वक्त है। इस दौरान नेतन्याहू और उनकी लिकुड पार्टी सरकार में बने रहने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर सकती है। विपक्षी गठबंधन संसद में यदि बहुमत साबित करने में असफल रहता है तो देश में दो साल के भीतर पांचवीं बार चुनाव होंगे। लेपिड ने गत रविवार को बेनेट का समर्थन हासिल किया। नेतन्याहू को सत्ता से बेदखल करने के लिए लेपिड ने सात दलों के साथ करार किया है।  

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