कोरोना महामारी के कारण कई कंपनियां अपने कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम करा रही हैं। घर पर काम करने के लिए लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट और ऑफिस टेबल समेत कई चीजें खरीदनी पड़ी हैं। कुछ कंपनियों ने अपने खर्च पर कर्मचारियों के घर पर ये सुविधाएं दी हैं तो कुछ ने खर्च को रीइंबर्स किया है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि कंपनी से मिलने वाले रीइंबर्समेंट पर टैक्स लगेगा या नहीं? सीए अभय शर्मा (पूर्व अध्यक्ष इंदौर चार्टर्ड अकाउंटेंट शाखा) बता रहे हैं इससे जुड़ी खास बातें…
कर्मचारी को मिलने वाली इस रकम पर नहीं देना होगा टैक्स
सीए अभय शर्मा बताते हैं कि रीइंबर्स की रकम पर टैक्स नहीं वसूला जाता है क्योंकि ये आपकी इनकम का हिस्सा नहीं है। इसे आपकी CTC में भी शामिल नहीं किया जाता है। अगर आपकी कंपनी आपको वर्क फ्रॉम होम अलाउंस दे रही है तो इसे कंपनी का खर्च माना जाएगा, लेकिन आपकी इनकम में इसे शामिल नहीं किया जाएगा। इसीलिए ये टैक्सेबल नहीं होगा।
बिल देना जरूरी
अगर कंपनी आपको रीइंबर्स का पैसा देती है तो कर्मचारी को जो भी सामान उसने खरीदा है, उसका बिल देना जरूरी होता है। अगर आपकी कंपनी आपको वर्क फ्रॉम होम अलाउंस दे रही है और आपसे ये नहीं पूछती है कि आपने उसे खर्च किया है, या आप कंपनी को सामान का बिल नहीं दे रहे हैं तो आपको इस पर भी टैक्स चुकाना पड़ सकता है। इसीलिए इसका बिल अपनी कंपनी में जरूर लगाएं ताकि कंपनी इसे अपने खर्च में दिखा सके।
इस बारे में इनकम टैक्स के नियम क्या कहते हैं?
अभय शर्मा के अनुसार वर्क फ्रॉम होम रीइंबर्स के लिए अलग से नियम नहीं बनाए गए हैं, लेकिन जिस तरह कंपनी अपने किसी कर्मचारी को किसी काम से दूसरे शहर भेजती है, और इसके लिए कर्मचारी को राशि उपलब्ध कराती है। इस रकम को कर्मचारी की इनकम का हिस्सा नहीं माना जाता है, क्योंकि ये खर्च कंपनी के काम के लिए किया गया है। उसी तरह रीइंबर्स की राशि को भी कर्मचारी की इनकम का हिस्सा नहीं माना जाता है।