भाई की मौत के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने छोड़ दिया नक्सलवाद, हेलन के असिस्टेंट से बन गए बॉलीवुड एक्टर, पहली फिल्म से हासिल किया नेशनल अवॉर्ड

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बॉलीवुड के डिस्को डांसर कहे जाने वाले मिथुन चक्रवर्ती आज पूरे 71 सालों के हो चुके हैं। एक जमाने में बॉलीवुड सबसे बेहतरीन डांसर का दर्जा हासिल कर चुके मिथुन अपनी बेहतरीन अदाकार से हर किरदार में जान फूंक दी है। कहा जाता है कि मिथुन अपनी फिल्मों में पहले टेक में ही परफेक्ट शॉट दिया करते थे जिससे हर कोई हैरान रहता था। लेकिन एक समय ऐसा भी था जब एक्टर कैमरे के आगे नहीं बल्कि स्टार्स के पीछे घूमा करते थे। जी हां, मिथुन चक्रवर्ती पॉपुलर एक्ट्रेस हेलन के असिस्टेंट हुआ करते थे और यहीं से उन्हें फिल्मों में ब्रेक मिला था। आज एक्टर के जन्मदिन के खास मौके पर आइए जानते हैं कैसे शुरू हुआ उनका फिल्मी सफर-

जान जोखिम में डालकर लिया था नक्सलवाद छोड़ने का फैसला

16 जून, 1950 को कोलकाता में जन्में मिथुन का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। ओरिंयंटल सेमिनार से प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद मिथुन ने केमिस्ट्री से बीएससी की बैचलर डिग्री ली थी। इसी दौरान मिथुन नक्सलवाद की तरफ आकर्षित हो गए। मिथुन एक नक्सली बनकर परिवार से अलग हो गए, लेकिन एक हादसे में भाई की मौत होने के बाद मिथुन ने नक्सलवाद छोड़ने का मन बना लिया। इस दौरान उनकी दोस्ती नक्सलवाद के चेहरे रवि शंकर से हो गई थी। नक्सलवाद छोड़ने पर मिथुन की जान भी खतरे में आ गई थी लेकिन उन्होंने अपना मन नहीं बदला।

हेलन के असिस्टेंट रह चुके हैं मिथुन चक्रवर्ती

मिथुन ने पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट से एक्टिंग सीखी और मुंबई पहुंच गए। काफी जद्दोजहद के बाद मिथुन को हेलन को असिस्ट करने का मौका मिला। एक पुराने इंटरव्यू के दौरान मिथुन ने बताया था कि उस समय वो खाना खाने के लिए भी मोहताज थे। एक्टर इस बात से भी अनजान रहते थे कि उन्हें अगले वक्त का खाना नसीब होगा या नहीं, लेकिन ये बुरा वक्त ज्यादा दिनों तक नहीं चला। बतौर असिस्टेंट काम करते हुए उन्हें अमिताभ बच्चन की फिल्म दो अनजाने में कुछ मिनटों का रोल करने का ऑफर मिला।

पहली फिल्म से ही हासिल किया नेशनल अवॉर्ड

फिल्मों में छोटा-मोटा साइड रोल करने और एक्शन सीन में बॉडी डबल बनने के बाद मिथुन ने मृणाल सेन की 1976 में आई फिल्म मृगया से बॉलीवुड डेब्यू किया था। पहली फिल्म के लिए ही मिथुन चक्रवर्ती ने बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड अपने नाम कर लिया था। इसके दो साल बाद 1978 में मिथुन मेरे रक्षक फिल्म में नजर आए थे जो एक जबरदस्त हिट साबित हुई थी। 1979 की फिल्म सुरक्षा से एक्टर को स्टारडम हासिल हुआ और हर कोई उनके अभिनय का दीवाना होने लगा था।

एक्टर के फिल्मी करियर में एक सुनहरा समय तब आया जब उन्हें 1982 की फिल्म डिस्को डांसर मिली। इस फिल्म के बाद एक्टर एक डांसिग स्टार की छवि लेकर उभरे। इसके बाद उन्होंने कसम पैदा करने वाले की, डिस्को-डिस्को (1982), कमांडो (1988), प्यार झुकता नहीं (1985), गुलामी (1985), मुझे इंसाफ चाहिए (1983), घर एक मंदिर (1984), स्वर्ग से सुंदर (1986) और प्यार का मंदिर (1988) फिल्मों में बेहतरीन अदाकारी का नमूना पेश किया जिससे वो एक टॉप स्टार बन गए।

एक साल में 19 फिल्मों में नजर आकर बनाया रिकॉर्ड

लगातार हिट फिल्में देते हुए मिथुन चक्रवर्ती बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन एक्टर बन चुके थे। एक्टर की स्टारडम उन्हें इतनी फिल्में दिलाती थीं कि उनकी फिल्में ही बॉक्स ऑफिस पर एक दूसरे को टक्कर देने लगी थीं। साल 1989 में मिथुन की एक साथ 19 फिल्में रिलीज हुई थीं जिनमें इलाका, मुजरिम, प्रेम प्रतिज्ञा, लड़ाई, गुरू और बीस साल बाद जैसी फिल्में शामिल हैं।

तीन बार हासिल किया नेशनल अवॉर्ड

पहली फिल्म मृगया के अलावा मिथुन को 1992 की फिल्म तहादेर कथा के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था। तीसरी बार मिथुन को 1995 की फिल्म स्वामी विवेकानंद के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था।

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