मध्यप्रदेश शासन का धन कुबेर विभाग और शासन की अर्थव्यवस्था संभालने में अहम भूमिका निभाने वाले हर वर्ष करोड़ो का राजस्व देने वाला आबकारी विभाग बीते 1 वर्ष से वर्षों पुराने अपने ही ऑफिस में बेगाना हो गया है। इसकी बड़ी वजह बस स्टैंड बूढ़ी रोड स्थित आबकारी ऑफिस की जमीन को स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर किया जाना है।
छात्रावास निर्माण की स्वीकृति
शासन ने आबकारी ऑफिस की जमीन को स्वास्थ्य विभाग को हैंड ओवर करते ही स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में योजना बनाकर एएनएम छात्रावास निर्माण की स्वीकृति दे दी। आबकारी विभाग को एक नोटिस दे दिया कि वे इस जगह को जल्द से जल्द आफिस खाली कर ले।
साहबो को मिला नया आफिस
जिला प्रशासन ने आबकारी विभाग के आला अधिकारियों की सुविधा के हिसाब से उन्हें नए कलेक्ट्रेट भवन में जगह दे दी लेकिन उनका मैदानी अमला और लिपिक वर्ग आज भी इस पुराने आबकारी ऑफिस में बैठकर शासन की सारी गतिविधियों को संचालित कर रहे है।
मैदानी अमला कहां पर जाए
कोरोना की वजह एएनएम छात्रावास का काम शुरू नहीं हो सका लेकिन अब दोबारा आबकारी विभाग के मैदानी अमले को जानकारी दी जा रही है कि जल्द ही इस आफिस को डिस्मेंटल कर छात्रावास निर्माण का काम शुरू किया जाएगा ऐसे में आप यह जगह खाली कर दें।
अपनी जमीन से बेदखल
शासन को करोड़ों रुपए का राजस्व देने वाले धन कुबेर विभाग के जब यह हालात हो कि उसे अपनी जमीन से बेदखल किया जा रहा हो और नई जमीन से लेकर आफिस देने में लेटलतीफी की जा रही हो इससे अनुमान लगाया जा सकता है की करोड़ों का राजस्व और प्रदेश शासन की अर्थव्यवस्था को संभालने वाले इस विभाग की भी शासन के नुमाइंदों को चिंता नहीं।