WTC Final: आखिर बड़े मुकाबलों में भारतीय बल्लेबाज क्यों लड़खड़ा जाते हैं? कंगारू दिग्गज ने किया अहम खुलासा

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हाल ही में विराट कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने आईसीसी खिताब जीतने का मौका गंवा दिया। भारत को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में न्यूजीलैंड ने 8 विकेट से मात दी। भारतीय बल्लेबाज खिताबी मुकाबले में डटकर कीवी गेंदबाजों का सामना नहीं कर पाए। भारत ने पहली पारी में 217 और दूसरी पारी में 179 रन बनाए। टीम इंडिया की हार पर एक क्रिकेट फैन ने पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज स्पिनर ब्रेड हॉग से सवाल पूछा कि भारतीय बल्लेबाज बड़े मुकाबलों में क्यों लड़खड़ा रहे हैं? इस सवाल के जवाब में हॉग ने बेहद अहम खुलासा किया। .

ब्रेड हॉग ने भारतीय बल्लेबाजों के बड़े मैचों में संघर्ष करने को लेकर अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि संभवता उन पर दबाव ज्यादा होता है और साथ ही उम्मीदें भी काफी होती हैं। दुनिया भर में उनके एक अरब फैन फॉलोइंग हैं और इसका मतलब भारतीय जनता के लिए सब कुछ है। हमारे यहां ऑस्ट्रेलिया में हारने पर सभी परेशान हो जाते हैं, लेकिन हम जल्द ही इससे छुटकारा पा लेते हैं। हम 10 मिनट में मूव ऑन कर जाते हैं। 

‘फैंस चाहते हैं भारत बड़े टूर्नामेंट जीते’

हॉग ने कहा कि लेकिन भारत में फैन थोड़ी अधिक देर तक हार को लेकर फिक्रमंद रहते हैं। वे क्रिकेट को लेकर भावुक हैं। यह एक ऐसा खेल है, जिसमें वे बहुत हावी हैं। उन्हें बहुत सफलता हासिल की है और वे चाहते हैं कि भारत इसे जारी रखे और वो बड़े टूर्नामेंट जीतें। हॉग ने भारत के 8 साल लंबे आईसीसी ट्रॉफी के सूख को खत्म करने और देर से अपने मानसिक संघर्षों से आगे बढ़ने की संभावनाओं के बारे में भी बात की।

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर ने कहा कि मुझे भी लगता है कि इसका मानसिक माइंड सेट से लेना-देना है। विराट कोहली का औसत अन्य गेमों की तुलना में बहुत अधिक नहीं है। यह सब मानसिकता से जुड़ा है। मुझे लगता है कि रवि शास्त्री और खिलाड़ी इससे ऊपर उठ जाएंगे। वे चीजों को बदल लेंगे। यह बहुत छोटी से बात है। भारत बड़े मैचों में मिली हार से उबर जाएगा और बड़े पलों में अधिक कंसिस्टेंसी दिखाएगा।

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