समय पर बारिश न होने के कारण इन दिनों किसान दोहरे संकट का सामना कर रहे हैं। नहरों में सुधार कार्य न होने के कारण जल संसाधन विभाग पानी नहीं छोड़ रहा है तो समय पर बिजली नहीं मिलने से मध्य प्रदेश के किसान परेशान हैं। दिन में अघोषित बिजली कटौती की जा रही है, इससे कृषि संबंधी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। किसानों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने फीडर सेपरेशन की व्यवस्था की थी। इसका उद्देश्य यही था कि अलग फीडर होने से किसानों को बिजली संबंधी दिक्कत का सामना न करना पड़े। मौजूदा स्थिति में रात को बिजली उपलब्ध हो रही है। बिजली कंपनियों के शेड्यूल में 24 घंटे घरेलू उपभोक्ता और 10 घंटे कृषि उपभोक्ताओं को बिजली सप्लाई देने का प्रविधान है।
इस वर्ष मानसून के अभी तक प्रभावी न होने से किसानों को धान की खेती में कई तरह की समस्याएं आ रही हैं। इन दिनों धान का रोपा लग रहा है, सिंचाई की जरूरत है। कहीं भी नहर से खेत तक पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इस मामले में संबंधित अधिकारियों का कहना है कि अभी नहरों में चल रहे सुधार कार्य के चलते नहर में पानी नहीं छोड़ा जा सकता है। जाहिर है कि गर्मी में जब नहरों का मरम्मत कार्य करवाया जाना था, तब नहीं कराया गया और अब इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। पानी नहीं मिलने से रोपा गया पौधा खराब हो सकता है। भारत कृषक समाज के वरिष्ठ नेता और महाकोशल प्रांत के अध्यक्ष केके अग्रवाल कहते हैं कि धान का रोपा दिन में लगता है और किसानों को बिजली रात में अधिक समय दी जा रही है। शासन की घोषणा अनुसार 10 घंटे तो कहीं बिजली मिलती ही नहीं, कहीं-कहीं तो चार-पांच घंटे ही बिजली मिल पा रही है। पर्याप्त वोल्टेज के साथ बिजली दिन के 12 घंटे मिलेगी तो ही संकट हल हो पाएगा।
महाकोशल में काम 40 फीसद : पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में कुल 5000 फीडर हैं। कंपनी में अब तक विभिन्न् योजनाओं के तहत 1934 फीडर सेपरेशन का काम हो चुका है। यह सभी फीडर कृषि कार्य वाले हैं। उुर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि जिलों को जोन में बांटकर बिजली का प्लान बनाया गया है। दो सत्र में रात और दिन मिलाकर बिजली दी जा रही है। जहां कहीं समस्या है तो बात कर समाधान निकाला जाएगा।
बिजली कंपनी का दावा- सौ फीसद काम हुआ पूरा
मध्य क्षेत्र विद्युत क्षेत्र वितरण कंपनी के मध्यभारत और ग्वालियर के 16 जिलों में भी यही स्थिति है। किसानों को रात और दिन में मिलाकर बिजली दी जा रही है। वहीं इस कंपनी का दावा है कि यहां फीडर सेपरेशन का काम 100 फीसद पूरा कर लिया गया है। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में भी किसानों को रात को ही बिजली दी जा रही है। कंपनी का दावा है कि अभी दिन और रात मिलाकर छह से आठ घंटे बिजली दी जा रही है।