माफिया और पुलिस की आंखों की किरकिरी बनीं वन विभाग की SDO श्रद्धा का 3 महीने में ट्रांसफर, पकड़ा था अवैध रेत से बनता पुलिस थाना

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चंबल में जिस किसी अफसर ने रेत माफिया के काम में रुकावट डाली, उसका तबादला हो गया है। नया मामला मुरैना में वन विभाग की SDO श्रद्धा पांढ़रे का है। रेत माफिया पर लगातार कार्रवाई करने की गाज उन पर गिर गई। 3 महीने के अंदर ही उनका ट्रांसफर मानपुर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कर दिया गया है। तीन माह में श्रद्धा पर 15 बार रेत माफिया ने हमले किए हैं।

SDO श्रद्धा पांढ़रे का ट्रांसफर 1 अप्रैल 2021 को मुरैना में किया गया था। 12 अप्रैल 2021 को उन्होंने चंबल अभयारण्य की अधीक्षक का पद भार ग्रहण किया था। उसके बाद से उन्होंने चंबल के अवैध रेत का खनन करने वाले माफिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। तीन माह के अन्दर उन्होंने 60 अवैध ट्रैक्टर व ट्रक जब्त किए थे। इस दौरान उन पर 15 बार हमले किए गए। यह हमले रेत माफिया द्वारा कराए गए थे।

राजनीति से प्रेरित SDO का ट्रांसफर
SDO श्रद्धा पांढरे का ट्रांसफर पूरी तरह राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है। उनके द्वारा अवैध रेत के खिलाफ की जाने वाली ताबड़तोड़ कार्रवाई से नेताओं में गहमागहमी मच गई थी। उनकी यह कार्रवाई कई राजनैतिक लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई थी।

पुलिस को खुली पोल, तो सामने आई हकीकत
रेत माफियाओं के अवैध रेत से भरे ट्रैक्टर ट्राली पुलिस द्वारा निकालने के आरोप तो शुरू से लगते रहे हैं, लेकिन जब SDO पांढ़रे ने महिला पुलिस थाने को ही अवैध रेत से बनाते पकड़ लिया, तो पुलिस वालों की हकीकत उजागर हो गई। SDO द्वारा की जाने वाली कार्रवाई से पुलिस की कार्यप्रणाली पर उगलियां उठने लगी थी।

ईमानदार अफसर को, तीन माह में ट्रांसफर का इनाम
स्थानीय लोगों का कहना है कि बहुत दिनों बाद वन विभाग में एक ईमानदार महिला अफसर आई थी, जिसने रेत माफियाओं के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई से लोगों को उम्मीद जगी थी कि शायद अवैध रेत खनन के खिलाफ, सरकार कोई अच्छा कदम उठा ले, लेकिन लोगों की उम्मीद खाली गई। सरकार ने SDOका ट्रांसफर कर दिया।

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