भोपाल में 16 वर्ष में जुलाई माह के पहले पखवाड़े में पहली बार इतनी कम बरसात हुई है। वातावरण में नमी काफी कम रहने से जहां तीखी धूप चुभ रही है, वहीं उमस भी बेहाल कर रही है। खरीफ की फसलें भी सूखने की कगार पर पहुंच गई हैं। हालांकि मौसम विज्ञानियों ने मानसून सक्रिय होने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनने की बात कही है। इसके तहत शहर में दोपहर के बाद गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना जताई है। मानसून की बेरुखी ने किसानों के साथ ही आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। मौसम साफ होने के कारण तीखे धूप के साथ ही भारी उमस सता रही है। दोपहर के समय आंशिक बादल तो नजर आते हैं, लेकिन कुछ देर बाद वे बिना बरसे रुखसत भी हो जाते हैं। गर्मी का आलम यह है कि शनिवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह सामान्य से तीन डिग्री से. अधिक रहा।