कोरोना संक्रमण नियंत्रण होने पर जल्द नगरी चुनाव कराने की राज्य निर्वाचन आयोग की मंशा के बाद राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई है। लेकिन मुख्य चिंता मतदाता सूची पर व्यक्त की जा रही है। कहा जा रहा है कि वोटर लिस्ट संशोधन किए चुनाव करवाए गए तो फर्जी मतदाता मतदान की आशंका बढ़ जाएगी। इसका कारण कोरोना संक्रमण में अप्रैल से लेकर जून माह तक सैकड़ो लोगों की मौत को बताया जा रहा है।
चुनाव करवाए जाने की सम्भावना
हाल ही में राज्य निर्वाचन आयुक्त ने भोपाल में अधिकारियों की बैठक में संकेत दिए थे कि कोरोना नियंत्रण और वैक्सीनेशन की स्थिति के मद्देनजर वर्तमान में आम निर्वाचन करवाया जाना संभव है। पहले नगरी निकाय के चुनाव करवाए जाएंगे इस बयान से साफ है कि आयोग जल्द चुनाव कराने की रणनीति में जुट जाएगा। इस स्थिति में आगामी माह में चुनाव की घोषित की जा सकती है।
यहां होंगे नगरीय निकाय चुनाव
लेकिन इन सबके बीच यदि बात केवल शहरी क्षेत्र की जाए तो बालाघाट, वारासिवनी, कटंगी और मलाजखंड में आगामी समय में नगरी निकाय चुनाव होने हैं ऐसे में इन स्थानों पर पूर्व में अनुमानित आंकड़े के अनुसार कोरोना काल मे 2 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। निश्चित ही इसमें अधिकांश ऐसे लोग थे जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक और भी मतदाता थे। मृतकों के नाम मतदाता सूची से काटने का काम मतदाता सूची संशोधित करने का काम नहीं किया गया तो इन मृतकों के नाम से फर्जी मतदान करवाया जा सकता है। जैसा कि पूर्व में स्वयं निर्वाचन आयोग द्वारा यह मानते हुए समय-समय पर मतदाता सूची संशोधन का काम किया जाता रहा है।
वरिष्ठ स्तर के आदेश का इंतजार-सहायक अधीक्षक
इस विषय पर जब हमने स्थानीय निर्वाचन कार्यालय के सहायक अधीक्षक के के सोनवाने से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि वरिष्ठ स्तर से मिलने वाले आदेश के बाद ही मतदाता सूची संशोधन का कार्य किया जाएगा।