बालाघाट(पद्मेश न्यूज)। जिला पंचायत के सभागार में विगत 5 माह बाद सामान्य सभा की बैठक हुई जो जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती रेखा बिसेन की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में जिले में व्याप्त खाद संकट का मुद्दा छाया रहा। जिला पंचायत के पदाधिकारी सदस्यों द्वारा कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान किसानों को वर्तमान में डीएपी खाद नहीं मिलने की समस्या को प्रमुखता के साथ रखा गया। डीएपी खाद नहीं होने से किसान बहुत परेशान हैं। सदस्यों द्वारा इस पर रोष भी व्यक्त किया गया। इस बैठक में जिला पंचायत सीईओ उमा आर माहेश्वरी एवं जिला पंचायत के पदाधिकारी सदस्यगण मौजूद थे।
तो क्या लॉटरी के आधार पर बटेगा ट्यूबवेल
बैठक के दौरान जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती अनुपमा नेताम सहित अन्य सदस्यों द्वारा ट्यूबवेल खनन को लेकर नाराजगी जताई गई। श्रीमती नेताम का कहना था कि जिले में 10 ब्लॉक है और ट्यूबवेल खनन के लिए जिले में लक्ष्य सिर्फ 6 का मिला है। थे ट्यूबवेल को 10 ब्लॉकों में बांटना है तो क्या इसे लॉटरी के आधार पर बांटा जाएगा, और इसके लिए आवेदन करने की प्रक्रिया पूरी हो जाना बताया जा रहा है। जिले के किसानों तक इसकी जानकारी समय पर पहुंचे इसकी ओर संबंधित विभाग के अधिकारियों को ध्यान दिए जाने की बात कही। बैठक में इसके अलावा मनरेगा, शिक्षा विभाग, आजीविका मिशन, सामाजिक न्याय सहित अन्य विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई।
फसल बीमा की तारीख बढऩे का क्यों नहीं किया गया प्रचार प्रसार
कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान जिला पंचायत के पदाधिकारी सदस्यों द्वारा किसानों को डीएपी खाद की समस्या होने का विषय रखा गया। उनके द्वारा कहा गया कि समय पर डीएपी खाद नहीं मिलने से किसानों की फसल खराब हो जाएगी। वही कुछ सदस्यों द्वारा यह भी कहा गया कि बिरसा क्षेत्र में कई जगह पर बारिश नहीं हुई है इसके कारण फसल खराब होगी। इस पर कृषि अधिकारी सी आर गौर द्वारा बताया गया कि जिन किसानों की फसल खराब होगी वे आगामी 31 तारीख तक फसल बीमा करवा सकते हैं फसल खराब होने की स्थिति में ऐसे किसानों को शासन की तरफ से मुआवजा मिलेगा। साथ ही यह भी कहा कि जिन किसानों ने खेत में रोपा लगाया है उन्ही किसानों को फसल बीमा का लाभ मिल पाएगा। इस दौरान जिला पंचायत के पदाधिकारी सदस्यों ने विभाग की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा गया कि बीमा की तारीख बढ़ाने की जानकारी किसानों को नहीं है इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करना चाहिए, किसी भी माध्यम से किसानों तक यह जानकारी पहुंचे कि फसल बीमा की तारीख बढ़ाई गई है।