इस ऐप से सेफ रहेगी आपकी प्राइवेसी, पहले से मौजूद ट्रूकॉलर को भारतीय सेना ने 2017 में किया था बैन

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भारत में चाइनीज ऐप्स बैन होने के बाद से भारत कई देसी ऐप्स आ गए हैं, जो विदेशी ऐप्स को टक्कर दे रहे हैं, फिर चाहे वह ट्विटर का देसी वर्जन कू हो या पबजी का फौजी ऐप। इसी कड़ी में ट्रूकॉलर को टक्कर देने के लिए भारत में कॉलर आईडी ऐप भारतकॉलर आ चुका है।

इस ऐप को डेवलपर्स का कहना है कि उनकी ऐप ट्रूकॉलर के कुछ फीचर्स में आगे है और यह ऐप भारतीयों को ट्रूकॉलर से बेहतर एक्सपीरियंस देगी। बता दें कि प्राइवेसी के चलते 2017 में भारतीय सेना ने ट्रूकॉलर को बैन कर चुकी है।

भारतकॉलर ऐप यूजर्स की प्राइवेसी बनी रहेगी
भारतकॉलर ऐप अपने यूजर्स के कॉन्टैक्ट्स और कॉल लॉग्स को अपने सर्वर पर सेव नहीं करता है। इससे यूजर्स की प्राइवेसी को किसी तरह से नुकसान नहीं होता है। साथ ही कंपनी के पास यूजर्स के फोन नंबर्स का डाटाबेस नहीं होता है और न ही ऐसे किसी डाटा का एक्सेस होता है।

इसका मुंबई में सर्वर सेंटर है
इस ऐप का सारा डाटा इन्क्रिप्टेड फॉर्मैट में स्टोर किया जाता है और इसका मुंबई बेस्ड सर्वर भी हैं, जो हैकिंग को होने से रोकते हैं। इसलिए भारतकॉलर ऐप पूरी तरह से सेफ है। भारतकॉलर भारतीय भाषाओं जैसे अंग्रेजी, हिन्दी, तमिल, गुजराती, बांग्ला, मराठी आदि को सपोर्ट करता है। ऐसे होने से कोई भी अपनी पसंद से भाषा चुन कर इस ऐप का इस्तेमाल आसानी से कर सकता है।

इसे एंड्रॉयड और iOS दोनों यूजर्स के लिए है। यह एक फ्री ऐप है। यह ऐप अभी तक 6000 बार डाउनलोड की जा चुकी है।

कॉलर आईडी से ऐस से अनजान कॉल्स का पता चलेगा
कॉलर आईडी ऐप के जरिए आपको आसानी से पता चल जाता है कि आपको कॉल करने वाले का नाम क्या है, वो कौन है? यहाँ तक कि आपको उसकी ई-मेल आईडी, फेसबुक आईडी भी नजर आ सकती है।

ऐसे में यदि कोई नंबर आपके फोन में सेव नहीं है तो भी बिना फोन उठाए पता चल जाता है कि फोन किस बैंक कंपनी का है, क्रेडिट कार्ड वालों का है या किसी दूसरे का। इस ऐप के जरिए फ्रॉड कॉल को भी ब्लॉक किया जा सकता है। इसके साथ ही रियल स्टेट कंपनी और इंश्योरेंस कंपनी सहित शेयर मार्केट से संबधित कॉल से परेशान हैं तो उन्हें भी ब्लॉक कर सकते हैं।

जानिए भारतकॉलर ऐप बनाने मालिक प्रज्ज्वल सिन्हा हैं
भारतकॉलर ऐप को एक भारतीय कंपनी किकहेड सॉफ्टवेयर्स प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है। इस कंपनी के फाउंडर हैं IIM बैंगलोर से पढें हुए प्रज्ज्वल सिन्हा और को- फाउंडर कुणाल पसरीचा हैं। इनका ऑफिस नॉएडा, उत्तर प्रदेश में है।

भारतीय सेना ने ट्रूकॉलर को किया था बैन
भारतकॉलर को बनाने के पीछे का पहला मकसद भारत का अपना कॉलर आईडी ऐप पेश करना है। क्योंकि प्राइवेसी के चलते 2017 में भारतीय सेना ने ट्रूकॉलर को बैन कर चुकी है। इस ऐप में स्पाईवेयर की वजह से ऐसा किया गया था। भारतीय सेना ने अपने जवानों से यह कहा था कि वो सभी अपने फोन्स से ट्रूकॉलर ऐप को तुरंत डिलीट कर दें।

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