प्रदेश के वनमंत्री कुंवर विजय शाह गुरुवार को अचानक इंदौर के एमवाय अस्पताल जा पहुंचे। कैबिनेट मंत्री शाह के यहां पहुंचते ही हलचल बढ़ गई। दरअसल, मंत्री शाह को सूचना मिली थी कि हरसूद विधानसभा के दूरस्थ वनांचल स्थित कोटवारिया गांव का आदिवासी युवक विजय साईचर यहां उपचाररत है, उसे खून की सख्त जरूरत है। शाह ने तत्काल अस्पताल प्रबंधन की समीक्षा बैठक बुलाई और विजय साईचर सहित एमवाय अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों को बेहतर उपचार देने के निर्देश दिए।
वनमंत्री शाह ने मरीज विजय को तत्काल खून उपलब्ध करा गया। उन्होंने मरीज के स्वजनों को पांच हजार रुपये की तत्काल सहायता दी और 20 हजार रुपये की अतिरिक्त सहायता के लिए आश्वस्त किया। शाह ने यहां पर इंदौर में पोस्टेड वन विभाग के आला अफसरों को भी अस्पताल में तैनात कर आकस्मिक जरूरत के समय विजय साईचर को हरसंभव मदद का दायित्व भी सौंपा। गौरतलब है कि वनमंत्री शाह अपनी राजनैतिक सक्रियता और सहृदयिता को लेकर अक्सर चर्चाओं में रहते हैं। जरूरतमंदों की सहायता के उनके अनेक उदाहरण हैं।
अवैध संतान के दर्द को दर्शाता नाटक ‘प्रेत बोलते हैं’
स्त्री-पुरुष के अवैध संबंध समाज को स्वीकार नहीं हैं, लेकिन इसमें पैदा होने वाले बच्चे की क्या गलती है। इस सवाल को प्रभावी ढंग से अनवरत थिएटर ग्रुप द्वारा नाटक ‘प्रेत बोलते हैं’ के माध्यम से उठाया गया। आइना थिएटर फेस्टिवल के पहले दिन अभिनव कला समाज गांधी हाल परिसर में मंचित किए गए नाटक में अवैध संबंधों से जन्म के बाद मरा बच्चा सवाल करता है कि मुझे प्रेत क्यों बनाया गया?
इकमल विशिष्ठ द्वारा लिखित और नीतेश उपाध्याय द्वारा मंचित इस कहानी को मार्मिक ढंग से उठाया गया। प्रेत की भूमिका में कृतिक मोयडे ने संवेदनशील अभिनय किया। नाटक में चिन्मय तारे, पूजा चौधरी, नमन कुलश्रेष्ठ ने प्रभावी अभिनय किया। हर्ष बागर, जीनियस चौबे, अरसलान कुरैशी ने अपने अभिनय से श्रोताओं की प्रशंसा बटोरी।