गृहमंत्री अमित शाह तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। आज (सोमवार) उनके दौरे का तीसरा और आखिरी दिन है। श्रीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप सब अपने दिल में से खौफ और डर निकाल दीजिये। कश्मीर की शांति और विकास की यात्रा में अब कोई खलल नहीं डाल सकता। गृहमंत्री ने कहा, ‘मैं आज कश्मीर के युवाओं से अपील करने आया हूं कि जिन्होंने आपके हाथ में पत्थर और हथियार पकड़ाए थे।’ क्या उन लोगों ने आपका भला किया।
अमित शाह ने कहा कि पीओके आपके नजदीक है। वहां पूछिए कि गांव में बिजली आई, अस्पताल है, मेडिकल कॉलेज बन रहा है। वहां कुछ नहीं हुआ है और ये लोग पाकिस्तान की बात करते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं घाटी के युवाओं से बात करना चाहता हूं।’ मैंने घाटी के युवाओं के सामने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। शाह ने कहा कि बहुत लोगों ने सवाल उठाए कि धारा 370 हटने के बाद घाटी के लोगों की जमीन छीन ली जाएगी। ये लोग विकास को बांध कर रखना चाहते हैं, अपनी सत्ता को बचाकर रखना चाहते हैं, 70 साल से जो भ्रष्टाचार किया है उसको चालू रखना चाहते हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि जो शांति में खलल पहुंचाते थे। उनका मकसद क्या है। यहां उद्योग न लगे, पर्यटन न बढ़े, यहां का युवा बेरोजगार रहे और हाथ में पत्थर उठाता रहे। हम चाहते हैं कि वह पत्थर की बजाए बुक उठाए, हथियार के बजाए कलपुर्जे जोड़ने के साधन उठाए और अपने जीवन को बढ़ाए। उन्होंने आगे कहा कि मार्च 2020 से मार्च 2021 के बीच में देश और विदेश के 1.31 लाख पर्यटक जम्मू-कश्मीर में आए हैं, जो देश के आजाद होने के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है।