जी-20 नेताओं ने विकासशील देशों को कोविड- 19 टीके की आपूर्ति बढ़ाने का लिया संकल्प

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कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई के हथियारों में टीको को एक अहम हथियार रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित जी-20 देशों के नेताओं ने रविवार को विकासशील देशों को टीके की आपूर्ति बढ़ाने और बाधाओं को दूर करने का संकल्प लिया।इसके साथ ही जी-20 नेताओं ने 2021 के अंत तक कम से कम 40 प्रतिशत तथा 2022 के मध्य तक 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता पर सहमति जताई।

शिखर सम्मेलन के बाद यहां जारी घोषणापत्र में जी-20 देशों ने कहा, ‘हम स्वीकार करते हैं कि टीका कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के हथियारों में सबसे अहम है, इसके साथ ही दोहराते हैं कि व्यापक कोविड-19 टीकाकरण वैश्विक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी कोशिशों को तेज करेंगे रि समान तरीके से और सार्वभौमिक आधार पर सुरक्षित ,वहन करने योग्य, गुणवत्ता युक्त और प्रभावी टीका, इलाज और जांच सभी को प्राप्त हो सके, खासतौर पर निम्न और मध्यम आय देशों के संदर्भ में।

 ‘70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में हम मदद करेंगे’

घोषणा पत्र में कहा गया, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन (who) की वैश्विक टीकाकरण रणनीति के तहत वर्ष 2021 के अंत तक सभी देशों की कम से कम 40 प्रतिशत आबादी और अगले साल के मध्य तक 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने में हम मदद करेंगे, हम टीके, अन्य आवश्यक चिकित्सा उत्पादों और अव्ययों की विकासशील देशों तक आपूर्ति बढ़ाने के लिए कदम उठाएंगे और आपूर्ति एवं वित्तीय बाधाओं को दूर करेंगे।’

जी-20 नेताओं ने अपने स्वास्थ्य मंत्रियों से कहा कि वे इस संबंध में निगरानी करें और जैसा की जरूरी है वैश्विक टीकाकरण बढ़ाने की संभावना तलाशें। घोषणा पत्र में कहा गया, ‘हम अनुसंधान और विकास का समर्थन करने के साथ-साथ सुनिश्चित करेंगे कि उनके उत्पादन का दुनियाभर में समान आधार पर वितरण हो और यह आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत कर, वैश्विक टीका उत्पादन व क्षमता का विस्तार, विविधिकरण स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर किया जाएगा। इसके साथ ही टीके की स्वीकार्यता और उसके प्रति विश्वास को प्रोत्साहित किया जाएगा और भ्रामक सूचना से लड़ा जाएगा।जी-20 नेताओं ने सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पर्याप्त पोषण और किसी को पीछे नहीं छोड़ने की प्रतिबद्धता जताई।

साथ ही घोषणापत्र में कहा गया है कि भारत समेत जी20 देश 2030 तक जैवविविधता ह्रास को रोकने और क्षतिपूर्ति की कार्रवाइयों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जी-20 देशों ने यह घोषणा भी की कि वे सुरक्षित और क्रमबद्ध तरीके से अंतरराष्ट्रीय यात्रा फिर से शुरू करने के लिए प्रयास करने पर सहमत हुए हैं।

जी-20 ने कहा, ‘उन्हें वर्ष 2022 में इंडोनेशिया, वर्ष 2023 में भारत में और वर्ष 2024 में ब्राजील में दोबारा बैठक को इंतजार है।’ जी-20 नेताओं ने रविवार को फैसला किया कि कोविड-19 से प्रभावित अर्थव्यस्था को स्थायी तौर पर उभारने के लिए कदमों को उठाने का क्रम जारी रहेगा और सदस्य देश अपरिपक्व अवस्था में समर्थन के कदमों से हाथ खींचने से बचेंगे। रोम में जी-20 नेताओं ने घोषणापत्र में कहा, ‘हम वैश्विक चुनौतियों के प्रति सतर्क रहेंगे जिसका असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है जैसे कि आपूर्ति श्रृंखला में आई बाधा। हम इन मुद्दों की निगरानी और समाधान के लिए मिलकर काम करेंगे ताकि हमारी अर्थव्यवस्थाएं उबरें और वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता को साथ मिले।’

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