स्वास्थ्य विभाग के भीतर कर्मचारियों की तानाशाही का एक नमूना मुख्यालय स्थिति नवनिर्मित सरकारी क्वार्टर में दिखाई दे रहा है जहां पर अलाटमेंट के पहले ही क्वार्टर पर कब्जा शुरू हो गया है और आला अधिकारी खामोश बैठे है। चलिए इस पूरी खबर को विस्तार से देखते है।
आपको बताये की आकस्मिक ड्यूटी में कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियों के रहने की सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सीएमएचओ कार्यालय के सामने ही 12 शासकीय क्वार्टर बनाए गए हैं, जिसका निर्माण करोड़ों की लागत से किया गया है। अधिकारी कर्मचारियों द्वारा इन कमरों के अलॉट होने का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा है, इन शासकीय क्वार्टर में रहने के इच्छुक अधिकारी कर्मचारियों द्वारा दीपावली पर्व तक यह क्वार्टर अलॉट होने का इंतजार किया जा रहा था लेकिन अभी तक एलॉट नहीं होने के कारण उनमें निराशा व्याप्त हो गई है।
क्वार्टर्स का निर्माण पिछले 3 वर्षों से किया जा रहा था यहां बनाए गए सरकारी क्वार्टर को बहुत ही सुंदर और आकर्षक रूप में बनाया गया है। हर कोई चाहता है कि यह क्वार्टर उन्हें मिले। इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि यहां फैसिलिटी युक्त बनाए गए कमरों का अभी तक विधिवत प्रक्रिया के अनुरूप एलॉटमेंट नहीं किया गया है और अभी से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और डॉक्टरों द्वारा कब्जा जमाया जाने लगा है, इसकी पुष्टि इससे होती है कि वहां कुछ क्वार्टरो के सामने उनके नाम बकायदा बड़े बड़े अक्षरों में लिख दिए गए हैं। वहां के क्वार्टर में स्वास्थ्य विभाग के जिला कार्यक्रम प्रबंधक शैलेश डेहरिया और डॉक्टर अश्विनी भौतेकर का नाम मोबाइल नंबर सहित तख्ती क्वार्टर के सामने पहले से ही लग गई है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है की इन क्वार्टरो का अलॉटमेंट किस प्रक्रिया के तहत किया जाएगा या इसके लिए कोई क्राइटेरिया निर्धारित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अलॉटमेंट की जानकारी सार्वजनिक नहीं किए जाने के कारण कुछ अधिकारियों द्वारा अपनी मनमर्जी से वहां के क्वार्टर्स पर अधिकार जमाया जा रहा है। इससे यह प्रतीत हो रहा है कि स्वास्थ्य विभाग के मुखिया का कहीं न कहीं इनको सपोर्ट भी मिल रहा है। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को इस ओर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है ताकि जिस मंशा से यहां के क्वार्टरो को बनाया गया है पात्रता रखने वाले अधिकारी कर्मचारियों को ही वह क्वार्टर मिल सके।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मनोज पांडेय ने बताया कि वहां अधिकारी कर्मचारियों के लिए 12 क्वार्टर बनाए गए हैं निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है और सीएमएचओ कार्यालय को हेंडओवर भी हो गया है। वहां क्वार्टर के लिए कुछ आवेदन आए हैं जल्द ही अलॉटमेंट हो जाएगा। जहां तक अभी से वहां नाम चस्पा कर दिए जाने की बात है तो वहां पर पहले चार पांच लोग रहते थे उनके मकान टूट गए हैं इसलिए शायद उन्होंने अपने नाम चस्पा कर दिए हो। इसमें कार्यवाही वाली कोई बात नहीं है क्योंकि अभी वहां कोई रह नहीं रहा है, जब आधिकारिक रूप से क्वार्टर अलॉट हो जाएंगे तब ही वहां रहना प्रारंभ होगा।