पचास साल में पहली बार उत्तर-पूर्वी मानसून से प्रभावित हो रहा मप्र का मौसम

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अमूमन नवंबर माह के अंत तक राजधानी सहित मध्यप्रदेश के अधिकांश क्षेत्र में न्यूनतम तापमान में खासी गिरावट होने लगती है। इस बार नवंबर माह बीतने को है, लेकिन अपेक्षित ठंड नहीं पड़ रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक नवंबर की शुरुआत में हवा का रुख लगातार उत्तरी बना रहने से न्यूनतम तापमान में गिरावट होने लगी थी। लेकिन वर्तमान में दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्वी मानसून सक्रिय है। इस वजह से बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में कम दबाव के क्षेत्र बन रहे हैं। हवाओं के साथ आई नमी मध्य प्रदेश तक आ रही है। इससे बादल बन जाते हैं। बादलों के कारण रात के तापमान में गिरावट नहीं हो रही है। इस तरह की स्थिति 50 साल में पहली बार ही देखने को मिल रही है।मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्‍ठ विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि शनिवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से दो डिग्री सेल्‍सियस अधिक रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 12.8 डिग्री सेल्‍सियस रिकार्ड किया गया। जो सामान्य से एक डिग्री सेल्‍सियस कम रहा। साहा के मुताबिक वर्तमान में हवा का रुख बीच-बीच में दक्षिणी भी हो रहा है। इससे न्यूनतम तापमान में गिरावट नहीं हो रही है।

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