किसी गायक ने शराब के ऊपर जमाने पहले बहुत ही सही पंक्तियां लिखी , हुई शराब महंगी थोड़ी थोड़ी पिया करो, लेकिन मध्यप्रदेश शासन ने बीते दिनों शराब को सस्ता कर दिया। जिस के साइड इफेक्ट अब दिखाई देने लगे हैं शराबी भी कहने लगे हैं झूम बराबर झूम शराबी। इनके इस झूम बराबर झूम शराबी से परिवार के लोगों की टेंशन बढ़ गई है।
सरकार के द्वारा शराब की कीमते कम कर दी गई है जिससे महिलाओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है साथ ही शराब की कीमत कम होने के कारण शराब पीने वाले व्यक्ति सुबह से ही नशे की हालत में नजर आ रहे है। शराब दुकानों में सुबह से ही भीड़ रहती है और अधिक नशा करने वाले व्यक्ति के परिवार के सदस्य सबसे अधिक मानसिक रूप से परेशान नजर आ रहे है।
पदमेश न्यूज की टीम के द्वारा जब नगर मुख्यालय व ग्रामीण अंचलों में पहुंचकर महिलाओं से चर्चा की गई तो उन्होने कहा कि सरकार को जिन वस्तुओं के दाम कम करने चाहिये उनके दाम कम नहीं करती और जिन वस्तुओं को पूर्णत: प्रतिबंधित करना चाहिये उनके दाम सीधे आधे कर रही है।
जिससे सरकार की मंशा साफ तौर से देखने को मिल रहा है कि यह सरकार शराबखोरी को बढ़ावा दे रही है वहीं दूसरी ओर इनके द्वारा नशामुक्ति के नाम पर करोड़ों रूपये खर्च किये जाते है परंतु उसके सार्थक परिणाम कही नजर नही आते है। महिलाओं ने कहा कि सरकार को सही मायने में दैनिक जीवन की उपयोग में आने वाली वस्तुओं जैसे किराना, एलपीजी गैस, खाद्यान्न तेल, पेट्रोल-डीजल के दाम कम किये जाने चाहिये थे जिससे हमें जो महंगाई की मार पड़ रही है उसमें राहत मिल सके परंतु सरकार के द्वारा उनके दामों में कमी न कर शराब के दाम कम कर शराबखोरी को बढ़ावा दे रही है।