नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) को अदालत ने 7 दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया है। शनिवार को CBI की एक विशेष अदालत ने चित्रा रामकृष्ण की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद एजेंसी ने उन्हें रविवार रात गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में सोमवार को पेशी के बाद अदालत ने उन्हें सात दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। इस बीच सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने NSE को-लोकेशन घोटाला मामले में आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramanian) की हिरासत भी नौ मार्च तक बढ़ा दी, जो एक्सचेंज के ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर है।
CBI मई 2018 से NSE को-लोकेशन घोटाला मामले की जांच कर रही है। हालांकि उसे अभी तक उस रहस्यमयी हिमालयी “योगी” की पहचान करने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, जिसके साथ रामकृष्ण ने NSE की गोपनीय जानकारियां साझा की थी। CBI अधिकारियों के मुताबिक चित्रा सवालों के सही जवाब नहीं दे रही थी। CBI ने कोर्ट को बताया कि उसने चित्रा रामकृष्ण की पूछताछ में एक मनोवैज्ञानिक की भी सेवाएं ली है। CBI ने फरवरी महीने में उनसे तीन दिनों तक पूछताछ की थी और 24 और 25 फरवरी को उनके आवास पर तलाशी ली थी।
चित्रा रामकृष्ण 2013 में NSE की सीईओ बनी थीं। उन्होंने बाद में सुब्रमण्यम को अपना सलाहकार नियुक्त किया था, जिन्हें बाद में 4.21 करोड़ रुपये सालाना के मोटे सैलरी पैकज पर GOO के रूप में प्रमोट किया गया था। सेबी की एक रिपोर्ट में सामने आया था कि चित्रा रामकृष्ण सालों तक एक रहस्यमयी “योगी” के इशारे पर एक्सचेंज को चलाती रहीं। इसके बाद हुई फॉरेंसिक ऑडिट में आनंद सुब्रमण्यण को ही रहस्यमयी “योगी” बताया गया था। हालांकि सेबी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में इस दावे को खारिज कर दिया था।