मध्य प्रदेश सरकार ने बुधवार 9 मार्च को वर्ष 2022- 23 का बजट पेश किया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा विधानसभा में पेश किए गए इस करोड़ों के बजट में बालाघाट जिले को खास कुछ भी नहीं मिला। जिसपर जहां एक ओर विपक्ष ने सरकार को घेरा, तो वहीं सत्तापक्ष ने भी इस बजट पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है।
उधर आम नागरिकों की दृष्टि में यह बजट खरा नहीं उतरा, तो वही बालाघाट में रेलवे ओवरब्रिज ,मेडिकल कॉलेज , उद्योग ,व्यापार ,रोजगार सहित जिले अन्य विकाशिय मुद्दों को भी इस बजट में जगह नहीं मिल सकी।
राहत की बात यह रही कि सरकार द्वारा पेश किए गए इस बजट में सरकार ने कोई नया टैक्स नहीं लगाया, जहां सरकार ने आत्मनिर्भर प्रदेश बनाने के संकल्प के साथ 2 लाख, 79 हजार, 237 करोड़ का बजट पेश कर इस बजट को आम नागरिकों को राहत देने वाला बजट बताते हुए अपनी परंपरा निभाई ।तो वहीं बजट 2022 से आस लगाए बैठे लोगों को, इस बजट ने एक बार फिर निराश कर दिया।
बात अगर पिछले वर्ष पेश किए गए बजट की करें तो पिछले बजट में जिले को कई सौगात मिली थी जहां नगर के सभी रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज का निर्माण,जागपुर घाट में ओवरब्रिज ,उद्योग ,धंधे,व्यापार को बढ़ावा सहित सरकार ने जिले को अन्य सौगात देने का उल्लेख किया था ।लेकिन साल भर बीत जाने के बाद भी पुराने बजट की घोषणा है अब भी अधूरी है। वही नए बजट में पुरानी घोषणाओं को पूरी करने के लिए धनराशि भी नही दी गई।इसके अलावा इस नए बजट में भी बालाघाट को कोई नई सौगात नहीं मिली है। कुल मिलाकर कहा जाए तो पूर्ण रूप से रुका हुआ जिले का विकास अगले 1 साल तक रुका रहेगा जहां खासतौर पर जिले को कोई खास उपलब्धि नहीं मिल पाएगी।
चेंबर ऑफ कॉमर्स इंडस्ट्रीज अध्यक्ष अभय सेठिया ने बताया कि सामान्य तौर पर मध्यप्रदेश की दृष्टि से देखा जाए तो यह बजट बहुत प्रगतिशील है
प्रधानमंत्री आवास, शिक्षा , स्वास्थ्य के क्षेत्र में धनराशि आई है। लेकिन बात अगर बालाघाट की करें तो बालाघाट में 4 ओवर ब्रिज की मूल समस्या है, ब्रिज बनाने की बात पहले बजट में कही गई थी उसकी राशि इस बजट में स्वीकृत नहीं की गई है। वहीं ट्रांसपोर्ट नगर बनाने और नया बस स्टैंड बनाने की इस बजट में कोई बात नहीं हुई है ।बालाघाट की दृष्टि से यह बजट काफी निराशाजनक है।
वही पूर्व भाजपा अध्यक्ष रमेश रंगलानी और भारतीय जनता पार्टी नगर अध्यक्ष सुरजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि यह बजट बहुत अच्छा है। गरीब जनता के लिए पीएम आवास,सहित सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। रेलवे क्रॉसिंग पर ओवर ब्रिज का बजट पहले बजट पास कर दिया गया था, इसीलिए इस बजट में उसका उल्लेख नहीं किया गया है। इस साल रेलवे ओवर ब्रिज बनेगा ।कोविड-19 सरकार ने सबको राशन फ्री ,वैक्सीन दी है, यह बजट काफी अच्छा है
नगरपालिका पूर्व उपाध्यक्ष अनिल सोनी ने बताया कि यह जो बजट पेश हुआ है वह निराशाजनक है इसमें पेट्रोल , डीजल ,रसोई गैस सहित अन्य सामग्रियों के दाम कम नहीं किए गए है। युवाओं के लिए ,व्यापारियों के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। सरकारी कर्मचारियों को भी कुछ नहीं दिया गया है।
ग्रहणी संगीता कोरे ने बताया कि सरकार ने बजट में ग्रहणीओ का ध्यान नहीं रखा है। महंगाई बहुत बढ़ गई है ।घर का बजट बिगड़ चुका है अन्य खाद्य वस्तुओं के दाम कम होने चाहिए, पहले गैस 400रु में आती थी, अब 1000 रुपए में आती है। तेल भी 70 से 80रु लीटर की जगह 200रु लीटर हो चुका है।
चर्चा के दौरान शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों के लिए यह बजट निराशाजनक है। भविष्य को लेकर कर्मचारी चिंतित है विभिन्न राज्यों की सरकारों ने पुरानी पेंशन बहाल कर दी है। मध्य प्रदेश के सभी संगठन मजदूर संघ ,शिक्षक संघ ,राज्य कर्मचारी संघ, अध्यापक संघ सहित सभी संगठनों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग की थी
सतपुड़ा चेंबर ऑफ कॉमर्स अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल ने बताया कि सरकार के बजट में कुछ भी खास नहीं है। मिडिल क्लास के लिए कुछ नहीं है उद्योग के लिए कुछ नहीं है। सिर्फ 11 उद्योग खोलने और उद्योगपतियों को सस्ती दर पर जमीन देने की बात कही गई है। जबकि यह योजना पहले से चल रही है इसमें कुछ भी नया नहीं है।