वर्षों से लंबित अपनी विभिन्न सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं की 21 वे दिन भी हड़ताल जारी रही।
इस दौरान संगठन द्वारा पूर्व घोषणा के अनुरूप रेल रोको आंदोलन करने की योजना बनाई जहां अपने इस रेल रोको आंदोलन को मूल रूप देने के लिए गुरुवार को नगर के बस स्टैंड से एक रैली निकाली गई ,यह रैली रानी अवंती बाई चौक से काली पुतली चौक , कॉलेज रोड से अंबेडकर चौक होते हुए सीधे हनुमान चौक पहुंची।
जहां से आंदोलनकारी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाए रेलवे स्टेशन मार्ग की तरफ रेल रोकने के लिए जाना चाहती थी लेकिन पुलिस द्वारा की गई बेरिकेडिंग के चलते वे ऐसा नही कर सकी।
जहा आंदोलनकारी महिलाओं को आगे रेलवे स्टेंशन की तरफ ना जाने देने के चलते आंदोलन में शामिल महिलाए नाराज हो गई।
उन्होंने हनुमान चौक में ही चक्काजाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की उन्होंने जल्द से जल्द उनकी समस्त मांगे पूरी किए जाने की गुहार लगाई।
हनुमान चौक पर किए गए इस प्रदर्शन से चौक पर यातायात दबाव काफी बढ़ गया और कुछ देर के लिए बालाघाट गोंदिया, गोंदिया बालाघाट मार्ग कुछ देर के प्रभावित नजर आया।इसी बीच मौके पर उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं साहायिकाओ को समझाइश देकर चक्काजाम खाली करवाया और उन्हें स्टेशन मार्ग रोड पर बैठने की समझाइश दि।
जहा वरिष्ठ अधिकारियों की बात पर भरोसा कर कुछ महिलाएं मान गई और उन्होंने अपना चक्काजाम आंदोलन बंद कर दिया।
लेकिन इस आंदोलन में शामिल कुछ महिलाएं इस समझाईश पर भी नही मानी ,जो पुलिस को चकमा देते हुए गोंदिया मार्ग सरेखा की तरफ से रेल रोको अभियान को सफल बनाने के लिए रेलवे स्टेशन जाने लगी। लेकिन पुलिस सतर्कता के चलते आंदोलन से हटकर रेलवे स्टेशन की ओर रवाना हुई महिलाएं अपने मंसूबे पर कामयाब नहीं हो पाई और पुलिस ने उन्हें रेलवे स्टेशन पहुंचने के पूर्व ही रोक दिया जिन्हें वापस आंदोलन स्थल लाया गया आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं ने रेलवे स्टेशन मार्ग पर भी प्रदर्शन किया लेकिन रेलवे स्टेशन परिसर में लगी पुलिस बैरिकेडिंग और रेलवे पुलिस बल और जिला पुलिस बल द्वारा उन्हें रेलवे स्टेशन परिसर के भीतर घुसने नहीं दिया गया जिसके चलते महिलाओं ने वही ज्ञापन सौंपते हुए पुलिस प्रशासन पर दबाव में काम करने की बात कही है।