कपिल नीले, इंदौर। कभी देश की संचार क्रांति में अग्रणी भूमिका निभाने वाली सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) आज टेलिकाम की दुनिया में सबसे निचले पायदान पर खड़ी है। दुनिया जहां 5जी के स्वागत में जुटी है वहीं बीएसएनएल अब 4जी होने जा रहा है। 4जी सेवा के लिए छह हजार टावर अगले कुछ महीनों में देश के अलग-अलग शहरों में लगेंगे, जिसमें मध्य प्रदेश की राजधानी और आर्थिक राजधानी दोनों शामिल हैं। भोपाल-इंदौर को पहले चरण में शामिल किया गया है। अगस्त-सितंबर तक 400 टावर इन शहरों में पहुंचने की उम्मीद है। कंपनी इनका काम 90 दिनों में पूरा करेगी। उम्मीद जताई जा रही है दीपावली या दिसंबर तक उपभोक्ताओं को बीएसएनएल 4जी की स्पीड दे सकेगा।
लगेंगे 200-200 टावर
4जी सेवा के विस्तार को लेकर बीएसएनएल को देशभर में छह हजार टावर लगाने की अनुमति मिल चुकी है। पहले चरण में इंदौर-भोपाल में 200-200 टावर लगाना है। विशेष बात यह है कि कंपनी ने 4जी के उपकरणों के लिए नया टावर लगाने पर कोई विचार नहीं किया है। अधिकारियों ने 3जी टावरों पर इन उपकरणों को लगाने पर जोर दिया है। मेंटेनेंस एजेंसी भी इसके लिए राजी हो चुकी है।javascript:false
साढ़े छह लाख उपभोक्ता को फायदा
पहले चरण में इंदौर-भोपाल के करीब सात लाख मोबाइल उपभोक्ताओं को फायदा होगा। अधिकारियों के मुताबिक दोनों शहरों में बीएसएनएल कंपनी की इंटरनेट सेवा लेने वाले 73 प्रतिशत उपभोक्ता हैं। बाकी 27 प्रतिशत ग्राहक सिर्फ वाइस काल के लिए कनेक्शन इस्तेमाल करते हैं।
पहले कम मिले थे टावर
टेलीफोन सलाहकार समिति के सदस्य रामस्वरूप मूंदड़ा के मुताबिक इंदौर-भोपाल को पहले 50-50 टावर दिए गए। इसे लेकर फिर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा। सांसद शंकर लालवानी ने भी अधिकारियों से चर्चा की। फिर टावरों की संख्या बढ़ी है।