भारतीय क्रिकेट टीम ने यहां मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ पहले ही टी20 मैच में शानदार बल्लेबाजी कर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल की है। इस मैच में विराट कोहली, लोकेश राहुल और जसप्रीत बुमराह जैसे प्रमुख खिलाड़ी शामिल नहीं थे। इसके बाद भी टीम को जीत दर्ज करने में कोई परेशानी नहीं हुई। यह टीम के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह युवा खिलाड़ियों के आक्रामक रवैये और हर अवसर का उपयोग करने की मानसिकता जाहिर कर रहा है। टीम में लगातार नई प्रतिभाएं आ रही हैं। इसी कारण मैच में विकेट गिरने के बाद भी युवा खिलाडी निडर होकर खेलते रहे। यह टीम के अंदर आये बदलावों को दिखाता है।
पिछले साल यूएई में हुए विश्व कप के बाद भारत ने बीते 8 महीने में पांच टी20 सीरीज खेली है जिसमें अधिकतर में युवा खिलाड़ी ही थे।
केवल एक वेस्टइंडीज सीरीज ही ऐसी रही, जिसमें अनुभवी रोहित शर्मा और विराट कोहली एकसाथ खेले। इसके अलावा बाकी चारों सीरीज में यह दोनों साथ नहीं खेले। दक्षिण अफ्रीका और आयरलैंड के खिलाफ पिछली दो सीरीज में यह दोनों ही बल्लेबाज टीम में नहीं थे। इसके बाद भी भारतीय टीम ने सभी मैच आसानी से जीते। दक्षिण अफ्रीका को भी भारतीय टीम ने ड्रॉ पर मजबूर किया। इन दोनों ही सीरीज में युवा बल्लेबाज दीपक हुडा ने शानदार प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा। यह टीम में आये बदलाव दिखाता है। इंग्लैंड के पहले अगर पहले टी20 में युवा बल्लेबाजों ने जरूरत के हिसाब से बल्लेबाजी की. खिलाड़ियों का जोर 135-140 के बजाए 180 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से रन बनाने पर रहा. दीपक हुडा, सूर्यकुमार और हार्दिक पंड्या तीनों ने ही इसी अंदाज में बल्लेबाजी की। पहली ही गेंद से भारतीय बल्लेबाजों ने मेजबान गेंदबाजों पर हमला बोल दिया।
हुडा ने जो पहली 3 गेंद खेली, उसमें से 2 पर छक्के मारे। वहीं सूर्यकुमार ने पहली गेंद पर चौका लगाकर दिखाया कि टीम किसी भी कीमत पर मेजबान गेंदबाजों के दबाव में नहीं आयेगी।
गिरजा/ईएमएस 08जुलाई 2022