शिक्षक भर्ती घोटाले के आरोप में ईडी द्वारा पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी। इसमें 50 करोड़ रुपए से अधिक नगद और करोड़ों रुपए के जेवरात जप्त किए गए हैं। ईडी ने जांच को और आगे बढ़ाया है।
पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के बैंक खातों की जांच शुरू की है। 2016 से 2019 के 3 साल की समय अवधि में दोनों के खातों से लगभग 700 करोड़ रुपए का लेनदेन किया गया है। कई बैंक खाते पार्थ और अर्पिता के संयुक्त हस्ताक्षर से संचालित होने की जानकारी भी ईडी को प्राप्त हुई है। ईडी ने अब इस मामले में पूछताछ शुरू कर दी है।
केंद्रीय जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जिस तरह से पार्थ और अर्पिता के संबंध में नई जानकारी प्राप्त हो रही है। उसकी पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में रखना जरूरी है। स्पष्ट है, कि अर्पिता और पार्थ चटर्जी को जल्द जमानत मिलने वाली नहीं है।