एस जयशंकर ने अपने समकक्ष पराग्वे के विदेश मंत्री से भेंट कर की सार्थक चर्चा

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भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पराग्वे के अपने समकक्ष जूलियो सीजर एरियोला के साथ मुलाकात की और सहयोग के नए क्षेत्रों के साथ ही दुनिया की स्थिति पर विचार विमर्श किया। जयशंकर समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दक्षिण अमेरिका की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं। वह पराग्वे का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री हैं। उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की शुरुआत की 60 वीं वर्षगांठ के मौके पर हो रही है।
जयशंकर ने एरियोला के साथ संयुक्त प्रेस बयान में कहा, “आज, हमने बहुत सार्थक बातचीत की। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की। हमने विकास, व्यापार, विकास साझेदारी और निवेश को लेकर चर्चा की।” उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के अलावा ऐसे कई अन्य क्षेत्र हैं जहां दोनों पक्ष मिलकर काम कर सकते हैं जैसे संस्कृति, नागरिक समाज, स्वास्थ्य, शिक्षा और पारंपरिक चिकित्सा।
जयशंकर ने परोक्ष रूप से चीन के संदर्भ में कहा, विश्व की स्थिति पर हमने बहुत अच्छी बातचीत की। हमने अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था के प्रति साझा प्रतिबद्धता जताई। ऐसा विश्व जो अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करता हो, समझौतों का सम्मान करता हो और बहुपक्षवाद का समर्थन करता हो। उन्होंने पराग्वे में भारतीय दूतावास का भी उद्घाटन किया और कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि इस देश में दूतावास के साथ, हमारे बीच सहयोग के अवसर बढ़ेंगे। जयशंकर ने एरियोला को आश्वासन दिया कि उनके लिए भारत एक बहुत अच्छा भागीदार होगा। एरियोला ने कहा कि पराग्वे की इस क्षेत्र में भारत का रणनीतिक भागीदार बनने में गहरी रुचि है। बाद में, जयशंकर ने राष्ट्रपति मारितो अब्दो से भी मुलाकात की।

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