मिरेगांव प्राथमिक स्कूल में मध्यान्ह भोजन में निकली इल्ली
बच्चों ने नही खाया भोजन, घर से लेकर आ रहे टिपीन
अभिभावकों ने स्कूल पहुंचकर जताया आक्रोश, रसोईयों पर कार्यवाही करने की मांग
लालबर्रा (पद्मेश न्यूज)। नगर मुख्यालय से ५ किमी. दूर ग्राम पंचायत मिरेगांव स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल के बच्चों को मॉ काली स्व सहायता समूह बकोड़ा के द्वारा मध्यान्ह भोजन बनाया जाता है परन्तु रसोईयों के द्वारा गुणवत्ताहीन भोजन परोसा जा रहा है एवं गुरूवार को मध्यांह भोजन में इल्ली निकलने से बच्चों ने भोजन नही किये और गुरूवार को फुलाव व कड़ी बनाई गई थी जिसमें सफेद इल्ली निकली थी तब तक कुछ बच्चों ने भोजन भी कर चुके थे। इसी दौरान कुछ बच्चों की थाली में इल्ली नजर आई जिसकी जानकारी उनके द्वारा स्कूल के शिक्षकों एवं घर पहुंचकर अभिभावकों को मध्यान्ह भोजन में इल्ली निकलने की जानकारी दी गई जिसके बाद से भोजन बनाने वाली रसोईयों के प्रति बच्चों के अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त। ३० सितंबर को बच्चें अपने-अपने घरों से टिपीन लेकर स्कूल पहुंचे थे और बच्चों के अभिभावक भी स्कूल पहुंचकर रसोईयों के द्वारा बच्चों को गुणवत्ताहीन भोजन परोसने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जन शिक्षक व स्कूल प्रधानपाठिका की उपस्थिति में मध्यान्ह भोजन में उपयोग किये जा रहे चांवल, प्याज व अन्य सामग्री का निरीक्षण किया तो उन्होने पाया कि चांवल की मीलिंग नही गई है जिसमें गाडरी है एवं खराब प्याज का उपयोग किया जा रहा है जिस पर उन्होने नाराजगी व्यक्त की साथ ही रसोईयों के द्वारा पालकों के विरोध करने की जानकारी लगने के कारण उन्होने शुक्रवार को मध्यान्ह भोजन भी नही बनाया।
आपको बता दे कि मिरेगांव स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल में मॉ काली स्व सहायता समूह बकोड़ा के द्वारा मध्यान्ह भोजन बनाया जाता है परन्तु विगत दिवस से बच्चों को गुणवत्ताहीन भोजन दिया जा रहा है जिसकी शिकायत पूर्व में स्कूल प्रबंधन व पालकगणों ने बीआरसी व उच्चाधिकारियों को भी की है परन्तु उनमें कोई सुधार नही आ रहा है। गुरूवार को बच्चों की थाली में इल्ली निकलने के बाद बच्चें भी भोजन करने से मना कर रहे है एवं पालकगण भी मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि शासन के द्वारा बच्चों का शिक्षा एवं बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण आहार के रूप में मध्यान्ह भोजन दिया जाता है ताकि वे दोपहर के समय भोजन कर सके परन्तु मिरेगांव के प्राथमिक स्कूल में मध्यान्ह भोजन में इल्लियां निकल रही है एवं सड़ी-गली सब्जी व प्याज का उपयोग किया जा रहा है जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है और कई बार रसोईयों को समझाईश भी दी गई है परन्तु उनमें कोई सुधार नही आ रहा है एवं २९ सितंबर को भोजन में इल्ली निकलने के कारण बच्चें भोजन नही कर रहे है आज अपने-अपने घरों से टिपीन लेकर आये है इसलिए सभी अभिभावक स्कूल पहुंचकर विरोध करते हुए मॉ काली स्व सहायता समूह बकोड़ा से मध्यान्ह भोजन न बनवाने व उन पर कार्यवाही करने की मांग की है।
चर्चा में कक्षा पांचवी में अध्यनरत छात्र कुनाल बिसेन ने बताया के मध्यान्ह भोजन में इल्ली निकल रही है इसलिए कोई भी छात्र भोजन नही कर रहे है सभी ने अपने-अपने घरों से टिपीन लेकर आ रहे है क्योंकि स्कूल में खाना अच्छा नही मिलता है और शुक्रवार को स्कूल में मध्यान्ह भोजन भी नही बना है ।
अभिभावक श्रीमती गीता पटले ने बताया कि मॉ काली स्व सहायता समूह बकोड़ा के द्वारा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण मध्यांह भोजन नहीं दिया जा रहा है और भोजन बनाने के दौरान सामग्री में भी बचत की जाती है कई बार हम लोगों केे द्वारा उनसे कहा गया है कि चांवल को साफ कर ले परन्तु नही करते है और सब्जी में खराब प्याज का भी उपयोग करते है जबकि शासकीय स्कूलों में अधिकांश गरीबों के बच्चें शिक्षा अध्ययनत करते है और शासन के द्वारा बच्चों को बेहतर पोषण आहार मिले इस उद्देश्य से भोजन दिया जाता है परन्तु समूह की रसोईयों के द्वारा गुणवत्ताहीन भोजन दिया जा रहा है जिससे अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है।
अभिभावक निलेश निकुसे ने बताया कि मेरे बेटे ने बताया कि गुरूवार को भोजन में इल्ली निकली थी इसके पूर्व में शिकायत की थी परन्तु हम लोगों ने ध्यान नही दिये परन्तु बार-बार इल्ली व चांवल की गाडरी निकल रही है क्योंकि चांवल की सफाई नही करते होगें रसोईयों के द्वारा इस तरह उनके द्वारा लापरवाही बरती जा रही है इसलिए बच्चों को स्कूल का भोजन खाने से बना कर दिये है कभी इल्ली के बदले में कोई कीटनाशक कीड़े-मकोड़े निकल गये तो उनकी जान भी जा सकती है इसलिए शासन-प्रशासन से मांग है कि लापरवाही बरतने वाली रसोईयों पर कार्यवाही की जाये।
अभिभावक श्रीमती ममता चौधरी ने बताया कि मध्यान्ह भोजन की रसोईयों के द्वारा मध्यान्ह भोजन बनाने में अनियमितता बरती जा रही है जबकि शासन की मंशा है कि बच्चों को अच्छा भोजन मिले परन्तु उसके विपरीत खराब भोजन परोसा जा रहा है जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है एवं गुरूवार को इल्ली निकलने के बाद से बच्चें घर में खाना खाने के दौरान याद आने पर खाना नही खा पा रहे है।
जन शिक्षक ललित बिरनवार ने बताया कि १५ दिवस पूर्व भी शिकायत मिली थी कि शिक्षक लोग रसोईयों को परेशान करते है जांच करने आये तो पाया गया कि सांझा चूल्हा होने के कारण ऑगनवाड़ी व स्कूल के बच्चों के लिए भोजन बनता था जिससे स्कूल के बच्चों भोजन भरपेट नही मिल पाता है जिसके बाद सांझा चूल्हा अलग कर खाना बनाया गया तो उस दिन मेडम की थाली में इल्ली निकल गई थी जिसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई थी एवं पुन: २९ सितंबर को बच्चों की थाली में इल्ली निकल गई जिसका वीडिय़ो फुटेज में देखा गया है इल्ली ही था, समूह के रसोईयों को पूर्व में भी समझाईश दी गई थी परन्तु उनमें सुधार नही आ रहा है, आज बच्चों ने अपने घरों से टिपीन लेकर आये है और अभिभावकों ने समूह को हटाने की मांग की है।