विद्युत करेंट से 6 वर्षीय बालक की मौत होने के मामले में पिता पुत्र को दो-दो वर्ष की सश्रम कारावास दो-दो हजार रुपये अर्थदंड

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विद्युत अधिनियम के विशेष न्यायाधीश अमर कुमार शर्मा की अदालत ने विद्युत करंट से 6 वर्षीय बालक की मौत होने के मामले में पिता पुत्र को दोषी पाया ।विद्वान अदालत ने आरोपी शशि उर्फ शशिकांत पिता नीलकंठ गजभिये 36 वर्ष और उसके पिता नीलकंठ पिता फ़दूलाल गजभिये 61 वर्ष ग्राम पिंडरई आवासटोला थानां ग्रामीण बालाघाट निवासी को इस मामले में 2-2वर्ष की सश्रम कारावास और 2-2 हजार रुपए अर्थ दंड से दंडित किए। विद्वान अदालत ने दोनों पिता-पुत्र को धारा 304 ए भादवि के तहत अपराध में सजा सुनाई है।

अभियोजन के अनुसार ग्राम पेडरई के आवास टोला में शशि उर्फ शशिकांत और उसके पिता नीलकंठ गजभिये ने झोपड़ी बनाए थे। जिन्होंने पुराने घर से जमीन से ऊपर वायर झोपड़ी तक ले गए थे। जगह जगह जॉइंट लगाया गया था जॉइंट में टेप नहीं लगाया गया था ।घटना दिनांक 12 जून 2017 की शाम 5:30 बजे करीब पड़ोस में रहने वाले 6 वर्षीय बालक नैतिक हैंडपंप में पानी के लिए गया था। हैंडपंप से पानी ले जाते समय बालक नैतिक को बिजली का करंट लग गया। करंट लगने से बालक नैतिक गिर गया और बेहोश हो गया था। बेहोश नैतिक को गांव की प्राइवेट गाड़ी से जिला अस्पताल बालाघाट लाया गया जहां नैतिक को मृत घोषित कर दिया गया। बालक नैतिक की मृत्यु आरोपी शशि उर्फ शशिकांत द्वारा लापरवाही पूर्वक बिछाए गए विद्युत करंट की चपेट में आने से हुई। इस मामले में ग्रामीण थाना नवेगांव में शशि उर्फ शशिकांत गजभिये और उसके पिता नीलकंठ गजभिये के विरुद्ध
धारा 304 ए भादवि एवं धारा 135 विद्युत अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर इस अपराध में दोनों को गिरफ्तार करने के बाद अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया। यह मामला विद्युत अधिनियम की विशेष न्यायाधीश अमर कुमार शर्मा की अदालत में चला ।विद्वान अदालत में चलते इस मामले में शशि उर्फ शशिकांत गजभिए और उसके पिता नीलकंठ गजभिए को धारा 135 विद्युत अधिनियम के आरोप से दोषमुक्त किया गया। किंतु संपूर्ण साक्ष्य विवेचन से अभियोजन युक्तियुक्त संदेह से परे यह प्रमाणित करने में सफल रहा की अभियुक्त शशि उर्फ शशिकांत एवं नीलकंठ ने 12 जून 2017 की शाम 5:30 बजे ग्राम पेड़रई में स्वयं के पुराने मकान से उचित सावधानी न बरतते हुये, लापरवाही पूर्वक विद्युत तार फैलाया जिसके संपर्क में आने से करंट लगने से बालक नैतिक की मृत्यु हुई। अंततः विद्वान अदालत ने शशि उर्फ शशिकांत एवं नीलकंठ को धारा 304ए भादवि के तहत अपराध में दोषी पाते हुए दोनों को दो-दो वर्ष की सश्रम कारावास और उन्हें दो -दो हजार रुपयेअर्थदंड से दंडित किए। इस मामले में अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक महेंद्र देशमुख ने पैरवी की थी।

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