- Jack Ma: अलीबाबा के सह-संस्थापक और चीनी तकनीकी अरबपति जैक मा को लेकर हैरान करने वाली खबर आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Jack Ma दो महीनों से लापता है। यानी दो महीनों से उन्हें किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं देखा गया है। बड़ी बात यह भी है कि अक्टूबर 2020 में उन्होंने एक विवादास्पद भाषण देते हुए चीन सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाई थी। Jack Ma को नवंबर में अपने टैलेंट शो ‘अफ्रीका के बिजनेस हीरोज’ के अंतिम एपिसोड में आना था, लेकिन वे नहीं आए। इसके बाद से Jack Ma को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। हालांकि टैलेंट शो से Jack Ma गैरमौजूदगी के बारे में अलीबाबा के प्रवक्ता ने फाइनेंशियल टाइम्स को बताया था कि बिजी शेड्यूल होने के कारण Jack Ma नहीं आ सके थे।
24 अक्टूबर को एक भाषण में जैक मा ने चीन के वित्तीय नियामकों और राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों की आलोचना की थी। उन्होंने व्यापार नवाचार के लिए चीन की विनियमन प्रणाली में सुधार लाने का आह्वान किया था और वैश्विक बैंकिंग नियमों की तुलना ‘पुराने लोगों के क्लब’ से की थी। भाषण में मा ने कहा था,आज की वित्तीय प्रणाली औद्योगिक युग की विरासत है। हमें अगली पीढ़ी और युवा लोगों के लिए एक नई स्थापना करनी चाहिए। हमें वर्तमान प्रणाली में सुधार करना चाहिए। बताते हैं कि Jack Ma की बातों पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नाखुशी जाहिरी की थी। द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, Jack Ma के इस भाषण के बाद ही नवंबर में राष्ट्रपति शी के सीधे आदेश पर Jack Ma की कंपनी के साथ $ 37 बिलियन करार को भी खत्म कर दिया था।
वहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 24 अक्टूबर की घटना के बाद Jack Ma को चीन में बने रहने की सलाह दी गई थी। इसके बाद क्रिसमस के मौके पर Jack Ma के अलीबाबा ग्रुप होल्डिंग में जांच शुरू कर दी गई। बीजिंग ने Jack Ma की वित्तीय टेक कंपनी एंट ग्रुप को भी अपने परिचालन को वापस लाने का आदेश दिया।
डेली मेल यूके ने अपनी रिपोर्ट में लिखआ है कि एंटी-मोनोपॉली जांच के कारण अलीबाबा के शेयरों में भारी गिरावट आई है। परिणामस्वरूप चीन के सबसे धनी लोगों की सूची में जैक मा तीसरे पायदान पर आ गए।