वाहनों का नंबर बदल कर फर्जी तरीके से बेचने के मामले में

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वाहनों के नंबर बदलकर फर्जी तरीके से बेचने के मामले में आरोपी तौफीक खान पिता हमीद खान 42 वर्ष ग्राम भीमजोरी थाना मलाजखंड निवासी को 10 वर्ष की कठोर कारावास और 1लाख 25 हजार रूपये अर्थदंड से दंडित किया गया। यह फैसला बैहर के विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश भू भास्कर यादव की अदालत ने सुनाया। विद्वान अदालत ने इस मामले से दो आरोपी जिनमे एजेंट रविंद्र शर्मा उर्फ पप्पू शर्मा गुजरी चौक बालाघाट और आरटीओ कार्यालय के लिपिक राजू उर्फ राजीव उपाध्याय 59 वर्ष वार्ड नंबर 33 टैगोर नगर विश्वविद्यालय मार्ग ग्वालियर निवासी को दोषमुक्त किए हैं।

अभियोजन के अनुसार नानूलाल तुरकर ग्राम मोहगांव निवासी ने 27 अप्रैल 2015 के पूर्व भीमजोरी के तौफीक खान से एक वाहन टाटा टिप्पर सीजी 04 जी 0919 को स 350000 रूपये में खरीदने का सौदा किया था। तौफीक खान ने कुछ दिन में वाहन के कागजात उपलब्ध कराने की बात कह कर अग्रिम धन के रूप में 100000 रूपये नानूलाल से प्राप्त कर लिए थे और शेष रकम 250000 रूपये को गाड़ी के कागजात मिलने के बाद देने कहा था। करीब दो-तीन महीना बीत जाने के बाद भी तौफीक खान ने वाहन के कागजात नानूलाल को नहीं दिए और कहने लगा कि आरटीओ से कागजात नहीं बना है। तौफीक खान टालमटोल करने लगा। तब नानूलाल ने उक्त वाहन तौफीक खान को वापस कर दिया और अग्रिम दिए 100000 वापस मांगा तो तौफीक खान ने वाहन रख लिया परंतु पैसा वापस नहीं किया ।कुछ दिन बाद तोफिक खान ने इरशाद मिस्त्री के गैरेज में उक्त वाहन सुधवाने के लिए खड़ा कर दिया था ।इसी बीच नानूलाल को पता लगा कि एजेंट पप्पू शर्मा और आरटीओ विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर तोफिक खान ने वाहन पर सीजी 04जी 0 919में फेलबदर कर वाहन एमपी 50एच 1094 का रजिस्ट्रेशन उसके नाम पर दर्ज करवा लि या है। इस तथ्य की जानकारी मिलने पर नानू लाल ने एक लिखित आवेदन थाना मलाजखंड ने प्रस्तुत किया था। शिकायत जांच उपरांत तौफीक खान पप्पू उर्फ रविंद्र शर्मा और आरटीओ कार्यालय के लिपिक राजीव उपाध्याय के विरुद्ध धारा 420 467 468 34 भादवी के तहत अपराध दर्ज कर इस अपराध में तीनों को गिरफ्तार करने के उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। विद्वान अपर सत्र न्यायाधीश न भू भास्कर यादव की अदालत में चलते इस मामले में आरोपी आरटीओ एजेंट पप्पू उर्फ रविंद्र शर्मा एवं आरटीओ कार्यालय के लिपिक राजीव उपाध्याय आरोपित अपराध सिद्ध नहीं होने पर वे दोष मुक्त किए । अभियोजन पक्ष आरोपी तौफीक खान के विरुद आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा।

तौफीक खान के विरुद्ध वाहनों के नंबर बदलकर और फर्जी तरीके से विक्रय करने के अनेक मामले चल रहे हैं: अपर लोक अभियोजक अशोक वाट

अतिरिक्त लोक अभियोजक अशोक वाट ने अदालत को बताया कि आरोपी तोफिक के विरुद्ध वाहन के नंबर बदलने और फर्जी तरीके से विक्रय करने के अनेक मामले चल रहे हैं। चेचिस एवं इंजन नंबर बदल कर चोरी के वाहन खपाने के लिए आरोपी तौफीक पूरा गिरोह चलाता है। वह आदतन अपराधी है जिस कठोर दंड दिया जाए।

तोफिक खान के विरुद्ध बालाघाट न्यायालय में भी मामले लंबित है

बैहर की इस न्यायालय में आरोपी तोफिक के विरुद्ध सत्र प्रकरण क्रमांक STN.126/2017 राज्य बनाम तोफिक खान एवं ST/110/2017 राज्य नाम जितेंद्र मेश्राम व अन्य लंबित रहा है। जिसमें से एक मामले में संदेह का लाभ पाकर आरोपी तौफीक दोषमुक्त हो गया है दूसरा मामला साक्ष हेतु लंबित है। इन सभी मामलों में वाहन के चेचिस या इंजन नंबर बदलने तथा लोगों के साथ छल करने का आरोप है ।इसी प्रकार आरोपी तौफीक के विरुद्ध बालाघाट मुख्यालय में भी मामले लंबित है।

ऐसे अपराधों पर कठोर दंड से नियंत्रण किया जा सकता है: विद्वान अदालत

विद्वान अदालत ने कहा कि देखने पर मामला केवल वाहन के नंबर प्लेट की कूटरचना से संबंधित दिखाई देता है। किंतु वास्तविकता कुछ और भी है प्रतिदिन सैकड़ों वाहन चोरी होने का समाचार पढ़ने को मिलता है ।आरोपी जैसे लोग चोरी के वाहन को अलग-अलग राज्यों में ले जाकर उसका चेचिस और इंजन नंबर बदल देते हैं। इसके लिए संगठित गिरोह काम करता है। आरोपी के नाम पर जो वाहन पाया गया उसके इंजन को छोड़कर पूरा वाहन (टायर ट्यूब से लेकर पूरा स्ट्रक्चर) किसी अन्य वाहन का है कहीं से भी चोरी करके लाए हुए वाहन का इंजन निकालकर उसकी पूरी बॉडी आरोपी ने अपने नाम पर रजिस्टर्ड वाहन में लगा दिया ।प्रतिदिन चोरी होने वाले सैकड़ों वाहन इसी प्रकार गायब की जाते हैं चेचिस या इंजन नंबर बदलने के बाद पुलिस भी वाहन के वास्तविक स्वामी का पता लगाने में असमर्थ हो जाती है। ऐसे लोग अपराध करने से पहले यह जानते हैं कि उन्हें जेल भेजा जा सकता है ।वह इस मानसिक तैयारी के साथ अपराध करते हैं कि कुछ दिन जेल में रहना पड़ेगा। ऐसे अपराधों पर कठोर दंड से नियंत्रण किया जा सकता है।

और विद्वान अदालत ने सुनाई सजा

और विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए आरोपी तौफीक खान को धारा 467 468 भादवी के तहत अपराध के आरोप मेंआरोप में दोषी पाते हुए 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 25000 रूपये अर्थदंड से दंडित किए, धारा 420 भादवि के तहत अपराध के आरोप में 6 वर्ष का कठोर कारावास और 100000रूपये अर्थदंड से दंडित किए। इस मामले में शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक अशोक वाट द्वारा पैरवी की गई थी।

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