अनहोनी कभी भी और कहीं भी हो सकती है, लेकिन सड़क पर होने वाली किसी अनहोनी को होने से पहले सुरक्षा उपायों के जरिए रोका जा सकता है। वैसे तो शहर में ऐसे कई मार्ग हैं, जहां आए दिन सड़क हादसे होते हैं, लेकिन इन दिनों वार्ड क्रमांक-9 का बैहर मार्ग डेंजर रोड के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। लगभग तीन महीने पहले रात्रि में एक तेज रफ्तार बाइक सवार ने घर के सामने खड़ी एक महिला को टक्कर मारी थी, जिसने कुछ घंटों बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। वहीं, करीब 15 दिन पहले बैहर रोड में ही भोपाल निवासी एक युवक की भीषण सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। दरअसल, बैहर मार्ग में दिनोंदिन बढ़ता यातायात का दबाव और इस मार्ग में यातायात सुचारू रखने के उपाय न होने से इस मार्ग पर हादसे बढ़ रहे हैं। ताज्जुब की बात है कि बस स्टैंड से बैहर रेलवे क्रॉसिंग तक एक भी स्पीड ब्रेकर नहीं है। जो पहले कभी बनाया गया था, वह अब जर्जर होकर समतल हो गया है। बढ़ते सड़क हादसे और अपनों की सुरक्षा को लेकर बैहर रोड पर रहने वाले स्थानीय लोगों ने नपा और जिला प्रषासन से दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कारगर कदम उठाने की मांग की है।
संकरी रोड और अतिक्रमण अहम कारण
बस स्टैंड से मलाजखंड, उकवा के लिए जाने वाले इस मार्ग में बढ़ते हादसों के दो बड़े कारण हैं। रोड का संकरा होना और सड़क किनारे अतिक्रमण। दरअसल, इस मार्ग से सुबह से लेकर देर रात तक यात्री बसें, ट्रक सहित सभी तरह के वाहन गुजरते हैं। इसी मार्ग से दिनभर में दर्जनभर यात्री बसें मलाजखंड, बैहर, उकवा के लिए गुजरती हैं। सड़कों के किनारे दुकानों के साथ मकान भी हैं। दुकानों का सड़क छोर तक बढ़ता दायरा अतिक्रमण के दायरे को भी बढ़ा रहा है। इसके साथ सरपट रोड होने के कारण नौजवान अक्सर इस मार्ग से तेज रफ्तार में मोटरसाइकिल चलाते हैं, जो हादसे का कारण बनता है।
जा चुकी हैं कई जानें
गौरतलब है कि इस मार्ग में पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, जिसमें कोई गंभीर रूप से घायल हुआ तो किसी की जान चली गई। 27 फरवरी 2020 को भी बैहर रोड में कॉलेज से छूटने के बाद स्कूटी से घर जा रहीं दो छात्राओं को ट्रक ने पीछे से टक्कर मारी और रौंदते हुए निकल गया। इस हादसे में दोनों छात्राओं की मौत हो गई। इस साल नवरात्र के समय शारदा मंदिर के पास घर के सामने खड़ी एक महिला की एक्सीडेंट में मौत हो गई।
फर्राटा भरती हैं स्कूल वैन
रहवासियों ने बातचीत में बताया कि इस मार्ग पर कई सरकारी और निजी स्कूल हैं। इसके अलावा आंवलाझरी सहित भरवेली स्थित स्कूलों में बालाघाट शहर के हजारों बच्चे पढ़ते हैं, जो रोज बैहर मार्ग से स्कूल वैन में बैठकर जाते हैं, लेकिन कई बार वैन चालक जल्दबाजी के चक्कर में तेज गति से वाहन चलाते हैं, जिससे हमेशा बच्चों की जोखिम में रहती है।
बच्चों को लेकर डर बना रहता हैः सुनीता सहारे
चर्चा के दौरान रहवासी सुनीता सहारे ने बताया कि सड़क किनारे घर होने के कारण बच्चों की सुरक्षा को लेकर हमेषा डर बना रहता है। कभी-कभी बच्चे खेल-खेल में अचानक सड़क की तरफ दौड़कर आ जाते हैं। इस मार्ग में रहवासी इलाके के आसपास भी कोई स्पीड ब्रेकर नहीं है इसलिए हमेशा खौफ में रहते हैं।
सुनीता सहारे, रहवासी
स्पीड ब्रेकर बनाना बहुत जरूरीः मो. आमिर
रहवासी मो. आमिर ने बताया कि समय के साथ शहर का ट्रैफिक बढ़ रहा है। रोज इस रास्ते से सैकड़ों गाड़ियां आती-जाती हैं, लेकिन स्पीड ब्रेकर नहीं है। यहां कम से कम तीन से चार ब्रेकर बनाने चाहिए तथा कुछ संकेतक भी लगाने चाहिए।
मो. आमिर, रहवासी
ओवरस्पीड में चलते हैं वाहन चालकः मो. जावेद
मो. जावेद ने बताया कि रोड चौड़ी नहीं है लेकिन वाहन चालक ओवरस्पीड में गाड़ी चलाते हैं। इस मार्ग के आसपास लोग रहते हैं और बच्चों के कई स्कूल हैं, इसलिए ओवरस्पीड अक्सर हादसे का कारण बनती है। आए दिन सड़क किनारे खड़ी गाड़ियों को ठोस मारकर फरार हो जाते हैं।
मो. जावेद, रहवासी